सत्यदर्पण:-

सत्यदर्पण:- कलयुग का झूठ सफ़ेद, सत्य काला क्यों हो गया है ?-गोरे अंग्रेज़ गए काले अंग्रेज़ रह गए। जो उनके राज में न हो सका पूरा, मैकाले के उस अधूरे को 60 वर्ष में पूरा करेंगे उसके साले। विश्व की सर्वश्रेष्ठ उस संस्कृति को नष्ट किया जा रहा है, देश को लूटा जा रहा है। दिन के प्रकाश में सबके सामने आता सफेद झूठ; और अंधकार में लुप्त सच।

भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | मानवतावादी वेश में आया रावण | संस्कृति में ही हमारे प्राण है | भारतीय संस्कृति की रक्षा हमारा दायित्व | -तिलक 7531949051, 09911111611, 9999777358.

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मंगलवार, 21 अक्तूबर 2014

एक शर्मनिरपेक्ष गधा

एक शर्मनिरपेक्ष गधा 
कृ ध्यान से पढ़ें, टिप्पणी /शेयर अवश्य करें 
सहमत -A,...असहमत -B,... अन्य टिप्पणी ..
एक गधे को नेतागीरी का चस्का लगा! दीवाली के पूर्व, जनता को सलाह देने लगा- पटाखे आतिशबाजी का उपयोग न करें !! 
मैंने उससे पूछा, क्या बकरीद से पूर्व भी ऐसी सलाह दी थी, बिना जीव हत्या के बकरीद मनाएं। 
तो बोला- नहीं।  पास खड़े दूसरे व्यक्ति ने पूछा, तूँ मुस्लिम है क्या ? फिर बोला -नहीं।  तीसरे ने पूछा -अबे अपनी माँ से तो पूछ, कहीं लव जिहाद में फँसी हो, अपना पहला प्रेम नहीं भूली होगी, 
तभी उनसे तेरा खून का रिश्ता बोलता है। 
ये है, हिन्दू विरोधी, राष्ट्र द्रोही, शर्म निरपेक्षों की डीएनए जाँच !!!
उत्तिष्ठत अर्जुन, उत्तिष्ठत जाग्रत !! 
आपकी सहमति के, शेयर के सभी आँकलन तोड़ 
ये पहुंचें 125 करोड़ 
YDMS-07531949051
"अंधेरों के जंगल में, दिया मैंने जलाया है |
इक दिया, तुम भी जलादो; अँधेरे मिट ही जायेंगे ||"- तिलक
भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो |
मानवतावादी वेश में आया रावण |
भारतीय संस्कृति में ही हमारे प्राण है |
संस्कृति की रक्षा करना हमारा दायित्व || -तिलक

मंगलवार, 7 अक्तूबर 2014

अमिताभजी, अब तक कोई टिप्पणी?

अमिताभजी, अब तक कोई टिप्पणी? 
एक समाचार: अमिताभ की नवासी नव्या नवेली के साथ कार में शाहरुख खान के बेटे का अश्लील विडियो बना 
कम्पू जी: सबको करोड़पति बनाते, अमिताभ का घर संस्कार शून्य ! 
यदि यह सत्य है, तो उनके प्रति मेरा सारा सम्मान भी, शून्य हो गया। 
पाठक, सहमत-A,  असहमत-B,  अथवा अन्य विचार रखें! 
उत्तिष्ठत अर्जुन, उत्तिष्ठत जाग्रत !!  
जब नकारात्मक बिकाऊ मीडिया जनता को भ्रमित करे, 
तब पायें - नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक व्यापक विकल्प 
का सार्थक संकल्प- युगदर्पण मीडिया समूह 
हिंदी साप्ताहिक राष्ट्रीय समाचार पत्र, 2001 से 
पंजी सं RNI DelHin11786/2001(सोशल मीडिया में 
विविध विषयों के 30 ब्लाग, 5 नेट चेनल  अन्य सूत्र) की 
60 से अधिक देशों में एक वैश्विक पहचान। -07531949051
आपकी सहमति के, शेयर के सभी आँकलन तोड़ 
ये पहुंचें 125 करोड़
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया |
इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है; - तिलक
भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | मानवतावादी वेश में आया रावण | भारतीय संस्कृति में ही हमारे प्राण है | संस्कृति की रक्षा करना हमारा दायित्व || -तिलक

बुधवार, 1 अक्तूबर 2014

अनुकरणीय ? असहाय /मज़बूर या सशक्त /मजबूत

अनुकरणीय ? असहाय /मज़बूर या सशक्त /मजबूत 
वन्देमातरम, मित्रों, आज 2 अक्टूबर लाल बहादुदुर शास्त्री जी का जन्म दिवस है, भारत माता के जिस लाल ने पाकिस्तान को खदेड़ा था अमरीका के आगे झुकने से मना किया और जय जवान जय किसान का नारा देकर भारत को अंत निर्भर बनाने की दिशा में कदम उठाया था। किन्तु गाँधी को महात्मा और राष्ट्र पिता बनाने वालों ने शास्त्री जी को पार्श्व में डाल दिया, अब समय है राष्ट्रपुत्रों को आगे लाने तथा छद्म को मिटाने का। ऐसे ही एक और राष्ट्र पुत्र हैं वर्तमान प्र मं नरेन्द्र मोदी। हम सब जानते हैं असहाय होने /मज़बूरी का नाम महात्मा गाँधी है तो सशक्त होने /मजबूती का नाम नरेन्द्र मोदी है। 
उत्तिष्ठत अर्जुन, उत्तिष्ठत जाग्रत !!  
जब नकारात्मक बिकाऊ मीडिया जनता को भ्रमित करे, 
तब पायें - नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प- युगदर्पण मीडिया समूह 
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विविध विषयों के 30 ब्लाग, 5 नेट चेनल  अन्य सूत्र) की 
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विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया |
 इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है; - तिलक
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सोमवार, 29 सितंबर 2014

घोष परिवार का काला सचघोष

घोष परिवार का काला सचघोष 
राजदीप सरदेसाई का अभद्र व्यवहार 
https://www.youtube.com/watch?v=qEDtyCqb7Sk&index=88&list=PLDB2CD0863341092A 
देखकर इसका इतिहास जानने का प्रयास किया, खोजने पर जो मिला आपके लिए आश्चर्यजनक हो सकता है मेरे लिए अपेक्षित था: 
राजदीप सरदेसाई और उसकी पत्नी सागरिका  ............
टाइम्स ऑफ इंडिया के मालिक समीर जैन पर बार बार दबाव आता था, एक सशक्त नौकरशाह प्रसार भारती के महानिदेशक भाष्कर घोष का, कि मेरी बेटी सागरिका घोष और मेरे दामाद राजदीप सरदेसाई को टाइम्स ऑफ़ इंडिया का सम्पादक बनाओ ..... 
बदले में सरकारी लाभ का लो ..........
अपने सम्पादक को बुलाकर कहा-----
‘‘पडगांवकर जी, अब आपकी छुट्टी की जाती है ..........
क्योकि मुझे भी अपना व्यवसाय चलाना है ...........
एक नौकरशाह की बेटी और उसके बेरोजगार पति, जिससे उसने प्रेम विवाह किया है, उसे नौकरी देनी है अन्यथा सरकारी विज्ञापन मिलने बंद हो जायेंगे .........
भाष्कर घोष का एक और सगा सबन्धी था प्रणव रॉय ... ......
ये प्रणव रॉय अपने 'अंकल' से अपना कल बनाना चाहते थे, भाष्कर घोष की कृपा से दूरदर्शन पर हर रविवार "इंडिया दिस वीक" नामक कार्यक्रम प्रस्तुत करते थे ....
उसकी पत्नी, घोर वामपंथी नेता वृंदा करात की सगी बहन थी ............
उस समय दूरदर्शन के लिए ढेर सारे नये नये उपकरण और अन्य समान खरीदे जा रहे थे ...........
उस समय विपक्ष के नाम पर मात्र वामपथी पार्टी ही थी, भाजपा के मात्र दो सांसद थे .........
प्रणव रॉय ने अपने अंकल भाष्कर घोष के कहने पर न्यू देहली टेलीविजन कम्पनी लिमिटेड [एनडीटीवी] नामक कम्पनी बनाई और दूरदर्शन के लिए खरीदे जा रहे सभी उपकरण धीरे धीरे एनडीटीवी के कार्यालय में लगने लगे !.........
और एक दिन अचानक एनडीटीवी नामक चैनल बन गया !!... ....
बाद में भाष्कर घोष पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे, जिससे उन्हें पद छोड़ना पड़ा; किन्तु जाते जाते उन्होंने अपनी बेटी सागरिका और उसके बेरोजगार नालायक प्रेमी से पति बने, राजदीप सरदेसाई का जीवन संवार दिया था  ..........
फिर कुछ दिन दोनों पति पत्नि एनडीटीवी में रहे .......
बाद में राघव बहल नामक एक व्यवसायी ने "चैनेल-सेवेन" जो बाद में आईबीएन सेवेन बना, उसे आरम्भ किया और ये दोनों छलिया जोड़ीदार आईबीएन सेवेन में आ गये ........
इन दोनों की छलिया जोड़ी ने अपने पारिवारिक प्रभाव का लाभ भरपूर उठाया, और अपने अभावों को मिटाया ............
आईबीएन में सागरिका घोष की इच्छा के बिना पत्ता भी नही हिलता था, क्योकि सागरिका घोष की सगी आंटी, अरुंधती घोष की वहां की अंटी हैं -----
अरुंधती घोष संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थाई प्रतिनिधि थी -----
-CNN-IBN का “ग्लोबल बिजनेस नेटवर्क” (GBN) से व्यावसायिक समझौता है।
GBN 'टर्नर इंटरनेशनल' और नेटवर्क-18 की एक कम्पनी है।
भारत में सीएनएन के पीछे, अरुंधती घोष की ही पैरवी चलती थी, जिसका भरपूर लाभ राजदीप और सागरिका ने उठाया |
सागरिका घोष की बड़ी आंटी रुमा पाल थी, जिनके प्रभाव का लाभ भी इन दोनों की छलिया जोड़ी ने कांग्रेसी नेताओ के बीच पैठ जमाकर उठाया .......
रुमा पाल भले ही सर्वोच्च न्यायालय की वरिष्ठ जज थी, किन्तु उनके निर्णय के पीछे सागरिका घोष और राजदीप की दलाली होती थी ......
बाद में समय का पहिया घूमा ........
देश में मोदीवाद उभरा ......
आईबीएन को मुकेश अंबानी ने खरीद लिया ........
और इन दोनों छलिया दलालों राजदीप व सागरिका को लात मारकर भगा दिया ... ...
कुछ दिनों तक दोनों अज्ञात रहे, फिर बाद में अरुण पुरी के चैनेल आजतक पर इन्हे पूरी भाजी मिलने लगी .........
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हिंदी साप्ताहिक राष्ट्रीय समाचार पत्र, 2001 से पंजी सं RNI DelHin11786/2001(सोशल मीडिया में विविध विषयों के 30 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की 60 से अधिक देशों में एक वैश्विक पहचान है। नकारात्मक मीडिया का सकारात्मक विकल्प युगदर्पण| -YDMS 
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मंगलवार, 2 सितंबर 2014

सुधरेंगे नहीं, हम?

सुधरेंगे नहीं, ?औकात भूल गए क्या? मार्च में इन्ही हरकतों ने डुबोया था, तुम्हें और तुम्हारे आकाओं को मई में 



#आजतक चैनल के #थर्ड डिग्री #कार्यक्रम में मार्च में बाबा राम देव ने कहा
 कभी राहुल गांधी को भी बुलाकर इस कार्यक्रम में घेरिये। तो इस पर पुण्य प्रसून का उत्तर """
आप भी कभी मोदी जी से, इस कार्यक्रम में आने के लिए कहिये।""राहुल गांधी के नाम पर मिर्ची लग जाती है इनको। इन हरामखोरो को याद नहीं रहा लगता हैमोदी इनके चेनल पर सीधी बात मे चुके है और ये क्या चाहते है?मोदी इस दलाल चेनल पर बार 2 आये, तो इसके इनकी घटती टीआरपी फिर बढ़े ये अपने सगे वाले कोंग्रेसियो के दलाल चेनल, अपने आकाओं को बुलाकर टेड़ा प्रश्न पूछ, आकाओं को नंगा करने का साहस नहीं होता। तभी तो बुला कर हल्का प्रश्न पूछतेहै। आज तक न्यूज़ चैनल सबसे बड़ा कोंग्रेसी, औरआप पार्टी का दलाल। इनका काम हिन्दू धर्म हिन्दू संगठनो पर ऊँगली उठाना और साथ में दिन रात मोदी, भाजपा के बारे में झूठे समाचार दिखा कर लोगो को भ्रमित करना। 
नकारात्मक मीडिया का सकारात्मक विकल्प युगदर्पण| -YDMS मार्च 2014 
और अब भी -जिस परिवार की सरकार ने 6 दशक 21900 दिन सत्ता में रह कर, केवल देश को लूटा, वादे पूरे हैं किये, मात्र 100 दिन में बिलखने लगे ? साथ में उनके टुकड़खोर, जिन्हे पहले मलाई की खुरचन मिल जाती थी, हाय अब क्या करेंगे ? रोना बिलखना इस बात का है। 
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जो शर्मनिरपेक्ष, अपने दोहरे चरित्र व कृत्य से- देश धर्म संस्कृति के शत्रु;
राष्ट्रद्रोह व अपराध का संवर्धन, पोषण करते। उनसे ये देश बचाना होगा। तिलक
इतिहास को सही दृष्टी से परखें। राष्ट्र का गौरव जगाएं, भूलें सुधारें। आइये,
आप ओर हम मिलकर इस दिशा में आगे बढेंगे, देश बड़ेगा । तिलक YDMS
भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | मानवतावादी वेश में आया रावण |
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शुक्रवार, 29 अगस्त 2014

संघ सृष्टि :- आइये, जाने।

संघ का उद्देश्य, आवश्यकता, कार्य एवं स्वरूप 
 -रा स्व सं RSS का विराट स्वरूप 
रा स्व सं के पूरे विश्व में 70 लाख स्वयंसेवक, प्रत्यक्ष जुड़े हैं तथा संघ परिवार (अनुषांगिक संगठन) के 17 करोड़ कार्यकर्त्ता इसे विश्व परिवार में एक वैश्विक स्वरूप प्रदान करते हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, संघ के 98789 स्वयंसेवक मुसलमान  तथा 7689 ईसाई हैं। एक 'मुस्लिम राष्ट्रीय मंच' नमक संस्था राष्ट्रीय सोच के मुसलमानों में राष्ट्र व उनके हित में कार्य करती है। 
अपने इस विराट स्वरूप के साथ, समाज में कभी भी किसी आपदा के समय, आपात सहायता के लिए बनी सरकारी व्यवस्था ()से पूर्व संघ के स्वयं सेवक बड़ी संख्या में पहुंच कर अपना दायित्व निभाते मिलेंगे। सन 1962 में चीनी आक्रमण (तथा बाद में 65 व 71 युद्ध) में सेना की सामग्री आपूर्ति से लेकर शहरों की यातायात व्यवस्था तक इन कथित अर्ध सैनिक अनुशासित देश भक्तों ने की, जिसके कारण संघ का कट्टर विरोधी नेहरू भी 1963 की गणतंत्रता दिवस परेड में आमंत्रित कर, इन्हे सम्मानित करता है। जबकि इसी संघ पर गांधी हत्या का राजनैतिक व झूठा आरोप था। यह एक सर्वविदित तथ्य है। 
एक प्रश्न 125 करोड़ से -

चाहे बाड़ हो या सूखा, तूफान हो या भूचाल 
अथवा 1947 में पाकिस्तान में हुए हिंन्दू नरसंहार का बवाल। 
हम सुरक्षित रह सके, यह इन्ही का था कमाल, 
फिर भी हैं क्यों? ये आरोप के कटघरे में बस यही है मलाल।।
राहत और पुर्नवास संघ कि पुरानी परंपरा रही है। संघ ने 1971 के उड़ीसा चक्रवात और 1977 के आंध्र प्रदेश  चक्रवात में राहत कार्यों में महती भूमिका प्रत्यक्ष निभाई है। समय समय पर प्राकृतिक आपदाओं से घिरे समाज में सहायता के लिए बनी, सरकारी धन पर पली, सभी सरकारी तथा अर्ध सरकारी हो या गैर सरकारी संस्थाएं कैसे कार्य करती हैं यह किसी से छुपा नहीं है। राष्ट्रीय अस्तित्व और स्वाभिमान के प्रश्न पर तो सैन्य बलों के अतिरिक किसी अन्य से अपेक्षा ही नहीं की जा सकती।  तो ऐसे समय में सदा निस्संकोच त्वरित सहायता उपलब्ध होती रही है, इन्ही स्वयंसेवकों के सेवा भाव से।  सजग राष्ट्र प्रहरी का वास्तविक रूप यदि कोई है तो बस यही है! ..यही है!! ..यही है!!! ..
किन्तु तुष्टीकरण नीति के चलते, जिन्होंने शिवजी, प्रताप, लक्ष्मीबाई या सिख गुरु सहित आजाद, भगत सिंह, सुखदेब, राजगुरु, सावरकर के बलिदान नेताजी के स्थान पर, आडम्बरधारी राजनीति को पूजा है, आत्मघाती उन जैसा विश्व में नहीं दूजा है।  ऐसी व्यवस्था में संघ अपमानित तिरस्कृत या प्रताड़ित हुआ, तो कोई आश्चर्य नहीं: ऐसे समाज की रक्षा का किसी अन्य में है सामर्थ्य नहीं। 
स्पष्टतया, संघ राष्ट्ररक्षा व जागरण का संकल्प है। 
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राष्ट्ररक्षायाम उत्तिष्ठत जाग्रत, परित्राणाय साधुनाम विनाशाय

च: दुष्कृताम, अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानम सृज्याहम !! -तिलक
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शुक्रवार, 22 अगस्त 2014

आत्मविश्लेषण -भाईचारे के कैंसर का !

आत्मविश्लेषण -भाईचारे के कैंसर का ! 
वन्देमातरम,
उत्तिष्ठत पार्थ, उत्तिष्ठत जाग्रत; जागृति ही संस्कृति का बोध है।
इराक में सुन्नी आतंकी जिस प्रकार शियाओं का रक्तपात कर रहे हैं, उससे ये बातें स्पष्ट हैं कि
* जो मुस्लिम हो कर मुसलमानों का क्रूरता पूर्वक रक्तपात, महिला व अबोध बालकों के प्रति जघन्यतम अमानवीयता का व्यवहार कर रहे हैं, उ प्र सरकार व तथाकथित मानवतावादी पाखंडी इनके अपराधों को भाईचारे के नामसे कितना छुपा ले, सत्य मुजफ्फरनगर मुरादाबाद या बरेली का, ये छछूंदर लगाके भाईचारे का तेल चमेली का, छुपा नहीं सकते।
हिन्दू और शिया मुसलमान दोनों सहित सम्पूर्ण मानवता पर संकट है सुन्नी, ये जान ले हर मुन्ना मुन्नी। 
* जिनके अमानवीय आतंकी स्वरूप को जगत ये सारा जानता है, भारत भी इसे पहचानता है। ऑस्ट्रेलिया इन्हें इस रूपमे अस्वीकार कर चूका है। अमेरिका इतने विशाल देश में इन्हे एक कोना तक देने को तैयार नहीं, ऐसे शैतान का समर्थन, पालन व संरक्षण कैसा मानवतावाद है ? पाखंड है, राष्ट्रद्रोह है।
* सुन्नी आतंकीयों की अमानवीयता की दुर्गन्ध छिपाते, जो लगाके भाईचारे का तेल चमेली का, स्वयं को मानवतावादी कहने का छल करते है। सुन्नी आतंकीयों की अमानवीयता जानते हुए अनजान बनते हैं? एक ओर निरपराध हिन्दुओं के रक्तपात के उनके अपराधों के लिए हिन्दुओं को ही अपराधी का कलंक लगाकर दण्डित करना, दोहरा अत्याचार का अपराध करना है। ये पाखंडी स्वयं उनके अपराध के सहभागी बनते हैं।
* ऐसे मानवतावादी दो प्रकार के हैं: एक जो वामपंथी या मैकालेवादी, राष्ट्र के शत्रु हैं दूसरे काले अंग्रेज व शर्मनिरपेक्ष हिन्दू जो इनके 6 -7 दशकों के बनाये वातावरण (शिक्षा प्रचार व्यवस्था पर नियंत्रण द्वारा) से भ्रमित, गीता का उपदेश भूल चुके, इनका पक्ष लेते हैं।
* अंत में इनके समर्थक बताएं, मानवतावाद के नाम पर ऐसे अमानवीय शैतान का समर्थन, कर क्या आप मानवता की सेवा कर रहे हैं या विनाश ? कैंसर ग्रस्त अंश का उपचार रोकना या टालना पूरे शरीर को कैंसरमुक्त करना है या कैंसरयुक्त ? निर्णय आपका है परिणाम पूरे देश को भुगतना है।
इसका आत्मविश्लेषण करें, कहीं आपकी सोच, अनचाहे अनजाने में राष्ट्रघाती न बन जाये।
आओ भारत को सशक्त बनायें! अधिक से अधिक शेयर कर 125 करोड़ तक पहुंचाएं!!
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যুগ দর্পণ, યુગ દર્પણ ਯੁਗ ਦਰ੍ਪਣ, யுகதர்பண യുഗദര്പണ యుగదర్పణ ಯುಗದರ್ಪಣ, يگدرپ, युग दर्पण:, yugdarpan
राष्ट्ररक्षायाम उत्तिष्ठत जाग्रत, परित्राणाय साधुनाम विनाशाय
च: दुष्कृताम, अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानम सृज्याहम !! -तिलक
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