कौन सच्चा है कौन झूठा
पहले 5 रू में खाना मिलने का नाहक शोर व्यापक स्तर पर मचाया, जब जब हल्ला मच गया तब सारा दोष योगना योग पर डालने वाले सारे गधे, पहले एकसाथ गदर्भ राग क्यों गा रहे थे ? इससे 2 बात स्पष्ट हैं एक इनके सरके सारे नेता मंत्री तक गधे हैं। तथा जनता को भी अपने जैसा समझते हैं। दूसरे कोई गदर्भ राज है जो इन्हें जैसा कहे गाने लगते हैं। चाल उलटी पड़ने पर पलटी मारने में माहिर है। जैसे ये वैसा इनका नेता। इनके हाथों देश का बनेगा कुछ नहीं- लुटेगा सबकुछ ! ये तो अपनी ही बात व उसका औचित्य सिद्ध करने में नंगे हुए हैं, किन्तु दूसरों को तो कुचक्र द्वारा कीचड़ उछाल कर शोर मचाया जाता है। अब यह स्पष्ट हो गया है, कौन जनता को भ्रमित कर रहा है। अब दूध का दूध व पानी का पानी हो चुका है ! क्या अब भी हम इनके भ्रम में फंसेंगे ?शत्रुओं को जय भारत फिर इस दे कर देश से गआओ इनसे देश बचाएँ द्दारी क्यों ?। जय भारत भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | छद्म वेश में फिर आया रावण |
संस्कृति में ही हमारे प्राण है | भारतीय संस्कृति की रक्षा हमारा दायित्व || -तिलक
पहले 5 रू में खाना मिलने का नाहक शोर व्यापक स्तर पर मचाया, जब जब हल्ला मच गया तब सारा दोष योगना योग पर डालने वाले सारे गधे, पहले एकसाथ गदर्भ राग क्यों गा रहे थे ? इससे 2 बात स्पष्ट हैं एक इनके सरके सारे नेता मंत्री तक गधे हैं। तथा जनता को भी अपने जैसा समझते हैं। दूसरे कोई गदर्भ राज है जो इन्हें जैसा कहे गाने लगते हैं। चाल उलटी पड़ने पर पलटी मारने में माहिर है। जैसे ये वैसा इनका नेता। इनके हाथों देश का बनेगा कुछ नहीं- लुटेगा सबकुछ ! ये तो अपनी ही बात व उसका औचित्य सिद्ध करने में नंगे हुए हैं, किन्तु दूसरों को तो कुचक्र द्वारा कीचड़ उछाल कर शोर मचाया जाता है। अब यह स्पष्ट हो गया है, कौन जनता को भ्रमित कर रहा है। अब दूध का दूध व पानी का पानी हो चुका है ! क्या अब भी हम इनके भ्रम में फंसेंगे ?शत्रुओं को जय भारत फिर इस दे कर देश से गआओ इनसे देश बचाएँ द्दारी क्यों ?। जय भारत भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | छद्म वेश में फिर आया रावण |
संस्कृति में ही हमारे प्राण है | भारतीय संस्कृति की रक्षा हमारा दायित्व || -तिलक