सत्यदर्पण:-

सत्यदर्पण:- कलयुग का झूठ सफ़ेद, सत्य काला क्यों हो गया है ?-गोरे अंग्रेज़ गए काले अंग्रेज़ रह गए। जो उनके राज में न हो सका पूरा, मैकाले के उस अधूरे को 60 वर्ष में पूरा करेंगे उसके साले। विश्व की सर्वश्रेष्ठ उस संस्कृति को नष्ट किया जा रहा है, देश को लूटा जा रहा है। दिन के प्रकाश में सबके सामने आता सफेद झूठ; और अंधकार में लुप्त सच।

भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | मानवतावादी वेश में आया रावण | संस्कृति में ही हमारे प्राण है | भारतीय संस्कृति की रक्षा हमारा दायित्व | -तिलक 7531949051, 09911111611, 9999777358.

what's App no 9971065525


DD-Live YDMS दूरदर्पण विविध राष्ट्रीय अन्तरराष्ट्रीय विषयों पर दो दर्जन प्ले-सूची

https://www.youtube.com/channel/UCHK9opMlYUfj0yTI6XovOFg एवं

बुधवार, 1 अक्तूबर 2014

अनुकरणीय ? असहाय /मज़बूर या सशक्त /मजबूत

अनुकरणीय ? असहाय /मज़बूर या सशक्त /मजबूत 
वन्देमातरम, मित्रों, आज 2 अक्टूबर लाल बहादुदुर शास्त्री जी का जन्म दिवस है, भारत माता के जिस लाल ने पाकिस्तान को खदेड़ा था अमरीका के आगे झुकने से मना किया और जय जवान जय किसान का नारा देकर भारत को अंत निर्भर बनाने की दिशा में कदम उठाया था। किन्तु गाँधी को महात्मा और राष्ट्र पिता बनाने वालों ने शास्त्री जी को पार्श्व में डाल दिया, अब समय है राष्ट्रपुत्रों को आगे लाने तथा छद्म को मिटाने का। ऐसे ही एक और राष्ट्र पुत्र हैं वर्तमान प्र मं नरेन्द्र मोदी। हम सब जानते हैं असहाय होने /मज़बूरी का नाम महात्मा गाँधी है तो सशक्त होने /मजबूती का नाम नरेन्द्र मोदी है। 
उत्तिष्ठत अर्जुन, उत्तिष्ठत जाग्रत !!  
जब नकारात्मक बिकाऊ मीडिया जनता को भ्रमित करे, 
तब पायें - नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प- युगदर्पण मीडिया समूह 
हिंदी साप्ताहिक राष्ट्रीय समाचार पत्र, 2001 से 
पंजी सं RNI DelHin11786/2001(सोशल मीडिया में 
विविध विषयों के 30 ब्लाग, 5 नेट चेनल  अन्य सूत्र) की 
60 से अधिक देशों में एक वैश्विक पहचान। -07531949051
आपकी सहमति के, शेयर के सभी आँकलन तोड़ 
ये पहुंचें 125 करोड़
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया |
 इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है; - तिलक
भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | मानवतावादी वेश में आया रावण |
भारतीय संस्कृति में ही हमारे प्राण है | संस्कृति की रक्षा करना हमारा दायित्व || -तिलक

कोई टिप्पणी नहीं: