सत्यदर्पण:-

सत्यदर्पण:- कलयुग का झूठ सफ़ेद, सत्य काला क्यों हो गया है ?-गोरे अंग्रेज़ गए काले अंग्रेज़ रह गए। जो उनके राज में न हो सका पूरा, मैकाले के उस अधूरे को 60 वर्ष में पूरा करेंगे उसके साले। विश्व की सर्वश्रेष्ठ उस संस्कृति को नष्ट किया जा रहा है, देश को लूटा जा रहा है। दिन के प्रकाश में सबके सामने आता सफेद झूठ; और अंधकार में लुप्त सच।

भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | मानवतावादी वेश में आया रावण | संस्कृति में ही हमारे प्राण है | भारतीय संस्कृति की रक्षा हमारा दायित्व | -तिलक 7531949051, 09911111611, 9999777358.

what's App no 9971065525


DD-Live YDMS दूरदर्पण विविध राष्ट्रीय अन्तरराष्ट्रीय विषयों पर दो दर्जन प्ले-सूची

https://www.youtube.com/channel/UCHK9opMlYUfj0yTI6XovOFg एवं

सोमवार, 29 सितंबर 2014

घोष परिवार का काला सचघोष

घोष परिवार का काला सचघोष 
राजदीप सरदेसाई का अभद्र व्यवहार 
https://www.youtube.com/watch?v=qEDtyCqb7Sk&index=88&list=PLDB2CD0863341092A 
देखकर इसका इतिहास जानने का प्रयास किया, खोजने पर जो मिला आपके लिए आश्चर्यजनक हो सकता है मेरे लिए अपेक्षित था: 
राजदीप सरदेसाई और उसकी पत्नी सागरिका  ............
टाइम्स ऑफ इंडिया के मालिक समीर जैन पर बार बार दबाव आता था, एक सशक्त नौकरशाह प्रसार भारती के महानिदेशक भाष्कर घोष का, कि मेरी बेटी सागरिका घोष और मेरे दामाद राजदीप सरदेसाई को टाइम्स ऑफ़ इंडिया का सम्पादक बनाओ ..... 
बदले में सरकारी लाभ का लो ..........
अपने सम्पादक को बुलाकर कहा-----
‘‘पडगांवकर जी, अब आपकी छुट्टी की जाती है ..........
क्योकि मुझे भी अपना व्यवसाय चलाना है ...........
एक नौकरशाह की बेटी और उसके बेरोजगार पति, जिससे उसने प्रेम विवाह किया है, उसे नौकरी देनी है अन्यथा सरकारी विज्ञापन मिलने बंद हो जायेंगे .........
भाष्कर घोष का एक और सगा सबन्धी था प्रणव रॉय ... ......
ये प्रणव रॉय अपने 'अंकल' से अपना कल बनाना चाहते थे, भाष्कर घोष की कृपा से दूरदर्शन पर हर रविवार "इंडिया दिस वीक" नामक कार्यक्रम प्रस्तुत करते थे ....
उसकी पत्नी, घोर वामपंथी नेता वृंदा करात की सगी बहन थी ............
उस समय दूरदर्शन के लिए ढेर सारे नये नये उपकरण और अन्य समान खरीदे जा रहे थे ...........
उस समय विपक्ष के नाम पर मात्र वामपथी पार्टी ही थी, भाजपा के मात्र दो सांसद थे .........
प्रणव रॉय ने अपने अंकल भाष्कर घोष के कहने पर न्यू देहली टेलीविजन कम्पनी लिमिटेड [एनडीटीवी] नामक कम्पनी बनाई और दूरदर्शन के लिए खरीदे जा रहे सभी उपकरण धीरे धीरे एनडीटीवी के कार्यालय में लगने लगे !.........
और एक दिन अचानक एनडीटीवी नामक चैनल बन गया !!... ....
बाद में भाष्कर घोष पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे, जिससे उन्हें पद छोड़ना पड़ा; किन्तु जाते जाते उन्होंने अपनी बेटी सागरिका और उसके बेरोजगार नालायक प्रेमी से पति बने, राजदीप सरदेसाई का जीवन संवार दिया था  ..........
फिर कुछ दिन दोनों पति पत्नि एनडीटीवी में रहे .......
बाद में राघव बहल नामक एक व्यवसायी ने "चैनेल-सेवेन" जो बाद में आईबीएन सेवेन बना, उसे आरम्भ किया और ये दोनों छलिया जोड़ीदार आईबीएन सेवेन में आ गये ........
इन दोनों की छलिया जोड़ी ने अपने पारिवारिक प्रभाव का लाभ भरपूर उठाया, और अपने अभावों को मिटाया ............
आईबीएन में सागरिका घोष की इच्छा के बिना पत्ता भी नही हिलता था, क्योकि सागरिका घोष की सगी आंटी, अरुंधती घोष की वहां की अंटी हैं -----
अरुंधती घोष संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थाई प्रतिनिधि थी -----
-CNN-IBN का “ग्लोबल बिजनेस नेटवर्क” (GBN) से व्यावसायिक समझौता है।
GBN 'टर्नर इंटरनेशनल' और नेटवर्क-18 की एक कम्पनी है।
भारत में सीएनएन के पीछे, अरुंधती घोष की ही पैरवी चलती थी, जिसका भरपूर लाभ राजदीप और सागरिका ने उठाया |
सागरिका घोष की बड़ी आंटी रुमा पाल थी, जिनके प्रभाव का लाभ भी इन दोनों की छलिया जोड़ी ने कांग्रेसी नेताओ के बीच पैठ जमाकर उठाया .......
रुमा पाल भले ही सर्वोच्च न्यायालय की वरिष्ठ जज थी, किन्तु उनके निर्णय के पीछे सागरिका घोष और राजदीप की दलाली होती थी ......
बाद में समय का पहिया घूमा ........
देश में मोदीवाद उभरा ......
आईबीएन को मुकेश अंबानी ने खरीद लिया ........
और इन दोनों छलिया दलालों राजदीप व सागरिका को लात मारकर भगा दिया ... ...
कुछ दिनों तक दोनों अज्ञात रहे, फिर बाद में अरुण पुरी के चैनेल आजतक पर इन्हे पूरी भाजी मिलने लगी .........
उत्तिष्ठत अर्जुन, उत्तिष्ठत जाग्रत !! 
जब नकारात्मक बिकाऊ मीडिया जनता को भ्रमित करे, 
तब पायें - नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प- युगदर्पण मीडिया समूह YDMS. 
हिंदी साप्ताहिक राष्ट्रीय समाचार पत्र, 2001 से पंजी सं RNI DelHin11786/2001(सोशल मीडिया में विविध विषयों के 30 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की 60 से अधिक देशों में एक वैश्विक पहचान है। नकारात्मक मीडिया का सकारात्मक विकल्प युगदर्पण| -YDMS 
भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | मानवतावादी वेश में आया रावण |
भारतीय संस्कृति में ही हमारे प्राण है | संस्कृति की रक्षा करना हमारा दायित्व || -तिलक

कोई टिप्पणी नहीं: