अपने सम्पादक को बुलाकर कहा-----
‘‘पडगांवकर जी, अब आपकी छुट्टी की जाती है ..........
क्योकि मुझे भी अपना व्यवसाय चलाना है ...........
एक नौकरशाह की बेटी और उसके बेरोजगार पति, जिससे उसने प्रेम विवाह किया है, उसे नौकरी देनी है अन्यथा सरकारी विज्ञापन मिलने बंद हो जायेंगे .........
भाष्कर घोष का एक और सगा सबन्धी था प्रणव रॉय ... ......
ये प्रणव रॉय अपने 'अंकल' से अपना कल बनाना चाहते थे, भाष्कर घोष की कृपा से दूरदर्शन पर हर रविवार "इंडिया दिस वीक" नामक कार्यक्रम प्रस्तुत करते थे ....
उसकी पत्नी, घोर वामपंथी नेता वृंदा करात की सगी बहन थी ............
उस समय दूरदर्शन के लिए ढेर सारे नये नये उपकरण और अन्य समान खरीदे जा रहे थे ...........
उस समय विपक्ष के नाम पर मात्र वामपथी पार्टी ही थी, भाजपा के मात्र दो सांसद थे .........
प्रणव रॉय ने अपने अंकल भाष्कर घोष के कहने पर न्यू देहली टेलीविजन कम्पनी लिमिटेड [एनडीटीवी] नामक कम्पनी बनाई और दूरदर्शन के लिए खरीदे जा रहे सभी उपकरण धीरे धीरे एनडीटीवी के कार्यालय में लगने लगे !.........
और एक दिन अचानक एनडीटीवी नामक चैनल बन गया !!... ....
बाद में भाष्कर घोष पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे, जिससे उन्हें पद छोड़ना पड़ा; किन्तु जाते जाते उन्होंने अपनी बेटी सागरिका और उसके बेरोजगार नालायक प्रेमी से पति बने, राजदीप सरदेसाई का जीवन संवार दिया था ..........
फिर कुछ दिन दोनों पति पत्नि एनडीटीवी में रहे .......
बाद में राघव बहल नामक एक व्यवसायी ने "चैनेल-सेवेन" जो बाद में आईबीएन सेवेन बना, उसे आरम्भ किया और ये दोनों छलिया जोड़ीदार आईबीएन सेवेन में आ गये ........
इन दोनों की छलिया जोड़ी ने अपने पारिवारिक प्रभाव का लाभ भरपूर उठाया, और अपने अभावों को मिटाया ............
आईबीएन में सागरिका घोष की इच्छा के बिना पत्ता भी नही हिलता था, क्योकि सागरिका घोष की सगी आंटी, अरुंधती घोष की वहां की अंटी हैं -----
अरुंधती घोष संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थाई प्रतिनिधि थी -----
-CNN-IBN का “ग्लोबल बिजनेस नेटवर्क” (GBN) से व्यावसायिक समझौता है।
GBN 'टर्नर इंटरनेशनल' और नेटवर्क-18 की एक कम्पनी है।
भारत में सीएनएन के पीछे, अरुंधती घोष की ही पैरवी चलती थी, जिसका भरपूर लाभ राजदीप और सागरिका ने उठाया |
सागरिका घोष की बड़ी आंटी रुमा पाल थी, जिनके प्रभाव का लाभ भी इन दोनों की छलिया जोड़ी ने कांग्रेसी नेताओ के बीच पैठ जमाकर उठाया .......
रुमा पाल भले ही सर्वोच्च न्यायालय की वरिष्ठ जज थी, किन्तु उनके निर्णय के पीछे सागरिका घोष और राजदीप की दलाली होती थी ......
बाद में समय का पहिया घूमा ........
देश में मोदीवाद उभरा ......
आईबीएन को मुकेश अंबानी ने खरीद लिया ........
और इन दोनों छलिया दलालों राजदीप व सागरिका को लात मारकर भगा दिया ... ...
भारतीय संस्कृति में ही हमारे प्राण है |
संस्कृति की रक्षा करना हमारा दायित्व || -तिलक