सत्यदर्पण:-

सत्यदर्पण:- कलयुग का झूठ सफ़ेद, सत्य काला क्यों हो गया है ?-गोरे अंग्रेज़ गए काले अंग्रेज़ रह गए। जो उनके राज में न हो सका पूरा, मैकाले के उस अधूरे को 60 वर्ष में पूरा करेंगे उसके साले। विश्व की सर्वश्रेष्ठ उस संस्कृति को नष्ट किया जा रहा है, देश को लूटा जा रहा है। दिन के प्रकाश में सबके सामने आता सफेद झूठ; और अंधकार में लुप्त सच।

भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | मानवतावादी वेश में आया रावण | संस्कृति में ही हमारे प्राण है | भारतीय संस्कृति की रक्षा हमारा दायित्व | -तिलक 7531949051, 09911111611, 9999777358.

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रविवार, 27 मई 2012

सत्यमेव जयते (आमिर खान ) शृंखला भाग- 4

सत्यमेव जयते (आमिर खान ) शृंखला 

सत्यमेव जयते (आमिर खान )आमिर खान की फिल्मों में मनोज कुमार का अंश दिखता है, सामाजिक विषयों पर इसका सकारात्मक दृष्टिकोण अन्य दोनों खानों के विपरीत स्वागत योग्य रहा है ! अब भी इसका स्वागत तो किया जा सकता है, किन्तु मीडिया का अब तक का आचरण देखते हुए कहना चाहता हूँ कि आज के "मुख्य धारा बिकाऊ मिडिया" द्वारा जिस प्रकार हर विषय पर समाज को भ्रमित किया जाता है उसे देखते हुए सतर्क होना आवश्यक है ! जहाँ महत्वपूर्ण सामाजिक विषयों पर सकारात्मक पहल का स्वागत होना चाहिए, वहीँ  मीडिया व NGO हमारे संवेदनशील मन को फुसला कर शोषण करना चाहे तो उसे रोकने की व्यवस्था भी होनी चाहिए ! 
    हमारे राष्ट्र भक्त साथियों से निवेदन है कि विषय वस्तु, NGO की कार्य शैली, सार्थकता पर खोज परक दृष्टी से; कृपया, इनके आस पास से अवलोकन कर, समाज के हित में उसकी विस्तृत जानकारी, हमें इस ब्लाग पर उपलब्ध कराएँ; जिससे उस संभावित शोषण को रोका जा सके ! ध्यान रहे इस जानकारी की प्रमाणिकता का दायित्व आपका रहेगा, किन्तु भारत माता के पुत्र के नाते इसका निर्वहन अपने पूरी निष्ठां व परिश्रम से करना है ! तिलक संपादक मिडिया समूह 9911111611, 9654675533, tilak@yugdarpan.com,  yugdarpan@gmail.com, yugdarpanh@rediff.com, yugdarpanh@yahoo.com  शृंखला भाग- 4, 

हर जान कीमती है

एपिसोड ४ : चिकित्सा सेवायों में सुधार की जरुरत

लोग चिकित्सकों पर यह सोच कर विश्वास करते हैं कि वे अपने ज्ञान और कौशल से उनके स्वास्थ्य को सुरक्षा कवच प्रदान करते हैं, पर जब इस ज्ञान का दुरूपयोग उनके भरोसे का अनुचित लाभ उठाने में किया जाता है तो चिकित्सीय देखभाल एक दु;स्वप्न बन जाती है. यह व्यवसाय वैसे अनैतिक चिकित्सकों तथा अस्पतालों से भरा हुआ है, जो रोगियों की कीमत पर खूब पैसे कमाना चाहते हैं, पर अभी भी कुछ चिकित्सक ऐसे हैं जो "हिप्पोक्रेटिक शपथ " पर टिके हुए हैं, तथा व्यवसाय को साफ सुथरा रखना चाहते हैं.



सत्यमेव जयते (आमिर खान ) शृंखला भाग- 3

सत्यमेव जयते (आमिर खान ) शृंखला 

सत्यमेव जयते (आमिर खान )आमिर खान की फिल्मों में मनोज कुमार का अंश दिखता है, सामाजिक विषयों पर इसका सकारात्मक दृष्टिकोण अन्य दोनों खानों के विपरीत स्वागत योग्य रहा है ! अब भी इसका स्वागत तो किया जा सकता है, किन्तु मीडिया का अब तक का आचरण देखते हुए कहना चाहता हूँ कि आज के "मुख्य धारा बिकाऊ मिडिया" द्वारा जिस प्रकार हर विषय पर समाज को भ्रमित किया जाता है उसे देखते हुए सतर्क होना आवश्यक है ! जहाँ महत्वपूर्ण सामाजिक विषयों पर सकारात्मक पहल का स्वागत होना चाहिए, वहीँ  मीडिया व NGO हमारे संवेदनशील मन को फुसला कर शोषण करना चाहे तो उसे रोकने की व्यवस्था भी होनी चाहिए ! 
   हमारे राष्ट्र भक्त साथियों से निवेदन है कि विषय वस्तु, NGO की कार्य शैली, सार्थकता पर खोज परक दृष्टी से; कृपया, इनके आस पास से अवलोकन कर, समाज के हित में उसकी विस्तृत जानकारी, हमें इस ब्लाग पर उपलब्ध कराएँ; जिससे उस संभावित शोषण को रोका जा सके ! ध्यान रहे इस जानकारी की प्रमाणिकता का दायित्व आपका रहेगा, किन्तु भारत माता के पुत्र के नाते इसका निर्वहन अपने पूरी निष्ठां व परिश्रम से करना है ! तिलक संपादक मिडिया समूह 9911111611, 9654675533, tilak@yugdarpan.com,  yugdarpan@gmail.com, yugdarpanh@rediff.com, yugdarpanh@yahoo.com शृंखला भाग- 3, 

शादी या सौदा

एपिसोड ३ : बेहद खर्चीली भारतीय शादियाँ

भव्य शादी अधिकांश व्यक्तियों का सपना होती है, लेकिन भारत में वास्तविकता यह है कि खर्चीले शादी समारोह तथा दहेज़ की भारी मांगें बहुओं के जीवन को तकलीफदेह बना देती हैं और उनके परिवार को बर्बाद कर देती हैं. शादी की अवधारणा अब सौदे में तब्दील हो गयी है, जहाँ व्यक्ति और रिश्तों की कोई कीमत नहीं रही. पर यह बदल सकती है, और यह तब होगा जब लडकियाँ और उनके परिवार वाले दहेज़ को मना कर दें, समारोह को साधारण तरीके से करने पर दृढ़ रहें तथा शादी के बंधन की पवित्रता को पुनर्स्थापित करें.



सत्यमेव जयते (आमिर खान ): शृंखला भाग- 2,

सत्यमेव जयते (आमिर खान ) शृंखला 

सत्यमेव जयते (आमिर खान )आमिर खान की फिल्मों में मनोज कुमार का अंश दिखता है, सामाजिक विषयों पर इसका सकारात्मक दृष्टिकोण अन्य दोनों खानों के विपरीत स्वागत योग्य रहा है ! अब भी इसका स्वागत तो किया जा सकता है, किन्तु मीडिया का अब तक का आचरण देखते हुए कहना चाहता हूँ कि आज के "मुख्य धारा बिकाऊ मिडिया" द्वारा जिस प्रकार हर विषय पर समाज को भ्रमित किया जाता है उसे देखते हुए सतर्क होना आवश्यक है ! जहाँ महत्वपूर्ण सामाजिक विषयों पर सकारात्मक पहल का स्वागत होना चाहिए, वहीँ  मीडिया व NGO हमारे संवेदनशील मन को फुसला कर शोषण करना चाहे तो उसे रोकने की व्यवस्था भी होनी चाहिए ! 
   हमारे राष्ट्र भक्त साथियों से निवेदन है कि विषय वस्तु, NGO की कार्य शैली, सार्थकता पर खोज परक दृष्टी से; कृपया, इनके आस पास से अवलोकन कर, समाज के हित में उसकी विस्तृत जानकारी, हमें इस ब्लाग पर उपलब्ध कराएँ; जिससे उस संभावित शोषण को रोका जा सके ! ध्यान रहे इस जानकारी की प्रमाणिकता का दायित्व आपका रहेगा, किन्तु भारत माता के पुत्र के नाते इसका निर्वहन अपने पूरी निष्ठां व परिश्रम से करना है ! तिलक संपादक मिडिया समूह 9911111611, 9654675533, tilak@yugdarpan.com,   yugdarpan@gmail.com, yugdarpanh@rediff.com, yugdarpanh@yahoo.com शृंखला भाग- 2, 

हर जान कीमती है

चुप्पी तोड़ो

एपिसोड २ : बाल यौन शोषण
बच्चों का यौन शोषण एक डरावना सच है और अधिकांश इसके विस्तार से अनजान हैं. शोध बताते हैं कि 53 प्रतिशत तक बच्चे या प्रत्येक दो में से एक, बाल यौन शोषण के शिकार हैं .सामान्य धारणा के विपरित, घर बच्चों के लिए सबसे सुरक्षित जगह नहीं हैं, क्योंकि अधिकांश दुर्व्यवहारी परिवार के विश्वासी होते हैं. दुर्व्यवहार को मना कर सकने के साहस के लिए बच्चों को प्रशिक्षित तथा प्रोत्साहित करने के साथ साथ अभिभावकों को भी उनके संकेतों के प्रति संवेदनशील होने की जरुरत है. इसके अतिरिक्त बच्चों की सुरक्षा तथा अपराधियों को सख्ती के साथ दण्डित करने के लिए बाल यौन शोषण के खिलाफ विशेष एवं ठोस कानून की आवश्यकता है.



सत्यमेव जयते (आमिर खान ) शृंखला भाग- 1

सत्यमेव जय

सत्यमेव जयते (आमिर खान ) शृंखला 

सत्यमेव जयते (आमिर खान )आमिर खान की फिल्मों में मनोज कुमार का अंश दिखता है, सामाजिक विषयों पर इसका सकारात्मक दृष्टिकोण अन्य दोनों खानों के विपरीत स्वागत योग्य रहा है ! अब भी इसका स्वागत तो किया जा सकता है, किन्तु मीडिया का अब तक का आचरण देखते हुए कहना चाहता हूँ कि आज के "मुख्य धारा बिकाऊ मिडिया" द्वारा जिस प्रकार हर विषय पर समाज को भ्रमित किया जाता है उसे देखते हुए सतर्क होना आवश्यक है ! जहाँ महत्वपूर्ण सामाजिक विषयों पर सकारात्मक पहल का स्वागत होना चाहिए, वहीँ  मीडिया व NGO हमारे संवेदनशील मन को फुसला कर शोषण करना चाहे तो उसे रोकने की व्यवस्था भी होनी चाहिए ! 
  हमारे राष्ट्र भक्त साथियों से निवेदन है कि विषय वस्तु, NGO की कार्य शैली, सार्थकता पर खोज परक दृष्टी से; कृपया, इनके आस पास से अवलोकन कर, समाज के हित में उसकी विस्तृत जानकारी, हमें इस ब्लाग पर उपलब्ध कराएँ; जिससे उस संभावित शोषण को रोका जा सके ! ध्यान रहे इस जानकारी की प्रमाणिकता का दायित्व आपका रहेगा, किन्तु भारत माता के पुत्र के नाते इसका निर्वहन अपने पूरी निष्ठां व परिश्रम से करना है ! तिलक संपादक मिडिया समूह 9911111611, 9654675533, tilak@yugdarpan.com, yugdarpan@gmail.com, yugdarpanh@rediff.com, yugdarpanh@yahoo.com शृंखला भाग- 1, 

बेटी अनमोल है

एपिसोड 1 : कन्या भ्रूण हत्या

इस एपिसोड में आमिर खान बात कर रहे हैं कन्या भ्रूण हत्या या अजन्मे कन्या शिशु की हत्या की जो एक बहुत ही भयावह तथा दुखद पहलु है और सभ्य समाज के लिए चेतावनी है. इस अमानवीय गैरकानूनी कृत्य में पति तथा ससुराल पक्ष केलोगों का दबाब, चिकित्सकों की धन लिप्सा तथा पुरुष प्रधान समाज की वह मानसिकता जिम्मेवार है जो किसी भी कीमत पर पुत्र की प्राप्ति करना चाहते हैं. इस घृणित मानसिकता के भयावह परिणाम के रूप में आजादी के बाद करीब पांच करोड़ अजन्मे बेटियों की हत्या हो चुकी है तथा कई पीढ़ियों के युवाओं को जीवन साथी नहीं मिल पाये हैं


इन बच्चों को एक प्रबुद्ध और स्वाभिमानी नागरिक के रूप में आगे बढ़ाना तथा समाज में उनके खोये हुए स्थान को प्राप्त कराना एक बहुत जी कठिन कार्य है जिसके लिए जन सामाजिक प्रयास करने होंगे . वचन दीजिये कि आप यूनिक होम फॉर गर्ल्स के इस सार्थक कार्य में मदद करेंगे.
भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो,छद्म वेश में फिर आया रावण! संस्कृति में ही हमारे प्राण है! भारतीय संस्कृति की रक्षा हमारा दायित्व -तिलक

शुक्रवार, 25 मई 2012

भारत पेट्रोलियम को लाभ 4 गुना !
         सुनो !                                                सुनो !!                                                     सुनो !!!
नई दिल्ली(युदस)। प्राप्त समाचारों के अनुसार, सरकारी कंपनी भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) का लाभ मार्च 2012 को समाप्त हुए तिमाही के मध्य, 4 गुना बढ़कर 3,962.83 करोड रुपए हो गया और कंपनी ने 1:1 के अनुपात में बोनस शेयर देने की घोषणा की है। इससे तेल के मूल्य बढ़ाने के तर्क की पोल खुली ! -तिलक

तेल क्षेत्र की प्रमुख कंपनी बीपीसीएल को 2010-11 की जनवरी से मार्च की तिमाही के मध्य, 935.18 करोड रुपए का लाभ हुआ था। बीपीसीएल ने बंबई स्टाक एक्सचेंज को बताया कि कंपनी की बिक्री 2011-12 की चौथी तिमाही के मध्य 65,080.34 करोड रुपए रही जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 45,755.55 करोड रुपए थी। कंपनी के निदेशक मंडल ने 1:1 के अनुपात में बोनस जारी करने और 11 रुपए प्रति शेयर के लाभांश की घोषणा की। कंपनी ने कहा कि 10 रुपए के प्रत्येक इक्विटी शेयर पर 10 रुपए के अंकित मूल्य वाले बोनस शेयर देने के लिए 'रिकार्ड तारीख' की घोषणा अभी होनी है। कंपनी डाक मत के माध्यम शेयरधारकों से इसकी स्वीकृति लेगी। बोनस शेयर से 361.54 करोड रुपए का पूंजीकरण होगा। इसी तरह कंपनी की चुकता इक्विटी पूंजी 723.08 करोड रुपए हो जाएगी जो अभी,361.54 करोड रुपए है। कंपनी को वित्त वर्ष 2011-12 के मध्य 1,311.27 करोड रुपए का लाभ हुआ जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष के मध्य 1,546.68 करोड रुपए का लाभ हुआ था। कंपनी का व्यवसाय 2011-12 में बढकर 2,13,674.75 करोड रुपए हो गया जो 2010-11 में 1,53,260.81 करोड रुपए था।
-तिलक: संपादक, युग दर्पण मीडिया समूह, tilak@yugdarpan.com, 9911111611, 9654675533. www.yugDarpan.com. 
भारतीयता की सीता का हरण करने देखो,छद्म वेश में फिर आया रावण! संस्कृति में ही हमारे प्राण है! भारतीय संस्कृति की रक्षा हमारा दायित्व -तिलक

बुधवार, 16 मई 2012

17, मई 2012 आज 17 वीं पुण्य तिथि पर श्रद्धा सुमन 
माँ, जो गर्भ से मृत्यु तक, हर पल अपने बच्चों के हर दुःख सुख की साथी, जिसकी गोद हर पीड़ा का हरण करती है। बचपन ही नहीं वृद्धावस्था व् जीवन के अंत तक हर पल जब भी तुझे स्मरण करता हूँ भाव विहल हो जाता हूँ। माँ, तेरी याद बहुत आती है, ....माँ, तेरी याद बहुत आती है।
माँ, इन 2 वर्षों में दामाद और बहु भी हो गए हैं शीघ्र ही अगली पीडी भी हो जाएगी। दामाद- सिद्धार्थ है, तथा बहू शालिमा है। तिलक- संपादक युग दर्पण मीडिया समूह, 9911111611, 9654675533.
भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो,
छद्म वेश में फिर आया रावण! संस्कृति में ही हमारे प्राण है!
भारतीय संस्कृति की रक्षा हमारा दायित्व -तिलक

मंगलवार, 8 मई 2012

वैचारिक क्रांति द्वारा व्यापक परिवर्तन का शंखनाद 
वन्दे मातरम, 
व्यावसायिक पत्रकारिता सौम्य सार्थक नहीं रही;
सूचनाएं मूल्यजनक बनी मूल्यपरक नहीं रहीं;
समाज, व्यवस्था, जीवन शैली स्वस्थ नहीं रहे;
कपटपूर्ण प्रदर्शन ही है, मन की पवित्रता नहीं रही;
सुधार समर्पित पत्रकारिता हमारा पवित्र मिशन है !..

मित्रों, युग दर्पण मीडिया समूह द्वारा विविध विषयों के 25 ब्लाग, आर्कुट, फेसबुक, व उन पर समुदाय व समूहों तथा ट्विटर के अतिरिक्त 4 यूसर चैनलों का अंतर ताने पर महाजाल ! आपको आमंत्रित करता है:- वैचारिक क्रांति द्वारा आओ हम सब मिलकर मा. जय प्रकाश नारायण की कल्पना का व्यापक परिवर्तन करते भारत को सशक्त,समर्थ व स्वावलंबी तथा संपन्न बनायें ! जय भारत. 
-तिलक, संपादक युग दर्पण मिडिया समूह, .. 
9911111611, 9654675533. website:- www. yugdarpan.co.cc 


पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है-युगदर्पण
भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने
देखो,छद्म वेश में फिर आया रावण!
संस्कृति में ही हमारे प्राण है!
भारतीय संस्कृति की रक्षा हमारा दायित्व -तिलक