सत्यदर्पण:-

सत्यदर्पण:- कलयुग का झूठ सफ़ेद, सत्य काला क्यों हो गया है ?-गोरे अंग्रेज़ गए काले अंग्रेज़ रह गए। जो उनके राज में न हो सका पूरा, मैकाले के उस अधूरे को 60 वर्ष में पूरा करेंगे उसके साले। विश्व की सर्वश्रेष्ठ उस संस्कृति को नष्ट किया जा रहा है, देश को लूटा जा रहा है। दिन के प्रकाश में सबके सामने आता सफेद झूठ; और अंधकार में लुप्त सच।

भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | मानवतावादी वेश में आया रावण | संस्कृति में ही हमारे प्राण है | भारतीय संस्कृति की रक्षा हमारा दायित्व | -तिलक 7531949051, 09911111611, 9999777358.

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मंगलवार, 5 अगस्त 2014

तो मैं सांप्रदायिक सही

तो मैं सांप्रदायिक सही
यदि लव जिहाद से हमारी बहु बेटियां अपवित्र धर्म परिवर्तन के लिए बाध्य तथा समूहित अनैतिकता एवं आतंकी अपराधियों का शिकार हों और हम कहें हम तुम सभी अपराधी हैं ! समाज को नेक या बुरे की सीमाओं में मत बांटो! जिसे जो करना है करने दो। अपराधियों को खुली छूट रहे कोई विरोध न करे। इस स्वछँदता को स्वतंत्रता का नाम दे राष्ट्र द्रोह को समर्थन, यह कैसा मानवतावाद है ? पूरा विश्व जिनसे त्रस्त है यहाँ तक ये शियाओं को भी सहन नहीं करते या तो हम इमके कारनामे जानते न हों, या सुन्नियों के विरोध को पुरे इस्लाम का विरोध मैंने की भूल करते हों ? तब यह भूल करने वाले जान लें कि शिया मुस्लिमों को ईरान में रक्तपात करनेवाले इन आतंकियों का समर्थन मानवता नहीं इनका विरोध मानवता के हित में है। जिन वामपंथियों ने इसके लिए हमें सांप्रदायिक बताया उनका चीन भी इसका शिकार हो गया है। मेरठ, सहारनपुर, बरेली, से इराक इसराइल चीन जल रहे है अमरीका ऑस्ट्रेलिया इंग्लॅण्ड झुलस चुके हैं! पूरा विश्व जले तो जले मैं मानवतावादी दिखूं ऐसा पाखंडी मैं तो नहीं इनसे देश बचाने में, यदि अब भी मैं सांप्रदायिक हूँ तो ...https://www.facebook.com/Theniacceptiam/
नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प
-युगदर्पण मीडिया समूह YDMS- तिलक संपादक 7531949051, 9911111611
भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | मानवतावादी वेश में आया रावण |
संस्कृति में ही हमारे प्राण है | भारतीय संस्कृति की रक्षा हमारा दायित्व || -तिलक

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