सत्यदर्पण:-

सत्यदर्पण:- कलयुग का झूठ सफ़ेद, सत्य काला क्यों हो गया है ?-गोरे अंग्रेज़ गए काले अंग्रेज़ रह गए। जो उनके राज में न हो सका पूरा, मैकाले के उस अधूरे को 60 वर्ष में पूरा करेंगे उसके साले। विश्व की सर्वश्रेष्ठ उस संस्कृति को नष्ट किया जा रहा है, देश को लूटा जा रहा है। दिन के प्रकाश में सबके सामने आता सफेद झूठ; और अंधकार में लुप्त सच।

भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | मानवतावादी वेश में आया रावण | संस्कृति में ही हमारे प्राण है | भारतीय संस्कृति की रक्षा हमारा दायित्व | -तिलक 7531949051, 09911111611, 9999777358.

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गुरुवार, 7 अगस्त 2014

मानवतावाद का चोला ?

मानवतावाद का चोला ? सही लगे तो शेयर कर
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वन्देमातरम, (कृ ध्यान से पूरा पढ़ें तथा अंतरात्मा से सही निर्णय लें।)
यदि बात सबकी भावनाओं का सम्मान करने की है ?
सर्व पंथ समादर तो हिन्दू चरित्र में है। तभी स्वतंत्रता के बाद अन्यों का काल्पनिक भय दिखा कर भारत को धर्म निरपेक्ष बनाने के प्रस्ताव को सहज स्वीकार लिया गया। फिर धर्म निरपेक्षता की विकृत परिभाषा से हिंदुत्व को कुचलने व राष्ट्रद्रोहियों का समर्थन करने का नया मुखौटा बना मानवतावाद। जबकि एक सच्चा मानवतावाद हिंदुत्व में युगों युगों से निहित है। आचरण में है। मानवतावाद का आडम्बर; जिनका समर्थन करता है; उनका चरित्र उतना ही दोगला है; जितना मानवतावाद के पाखंडियों का। जिहादियों के छींकने से इन्हे बुखार हो जाये, क्या वे राष्ट्रद्रोहियों से किसी प्रकार काम है?
  किन्तु आधी सदी और 3 पीढ़ियों को मानवतावाद के नाम से हिन्दू विरोधी होने पर गर्व करना सिखाया गया। इसी के चलते कथित 'एलीट' शान से मानवतावाद का चोला ओढ़े हिन्दू को सांप्रदायिक कहने में तथा जिहादियों के समर्थन में जाने -अनजाने राष्ट्रद्रोहियों के पापों का सहभागी बनता है।
क्या अब भी आप स्वयं को मानवतावादि तथा हिन्दू साम्प्रदायिकता (जो हमारी संस्कृति को नष्ट करने अपसंस्कृति फ़ैलाने का कुचक्र है) जैसे भ्रम जनित सम्बोधन त्यागना नहीं चाहेंगे ?
जब नकारात्मक बिकाऊ मीडिया जनता को भ्रमित करे,  तब पायें - नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक  व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प- युगदर्पण मीडिया समूह YDMS
हिंदी साप्ताहिक राष्ट्रीय समाचार पत्र2001 से पंजी सं RNI DelHin11786/2001(विविध विषयों के 30 ब्लाग, 5 चेनल  अन्य सूत्र) की 60 से अधिक देशों मेंएक वैश्विक पहचान है।
जागो और जगाओ!  जड़ों से जुड़ें, 
युगदर्पण मीडिया समूह YDMS से जुड़ें!!  इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक,  बन कर। 
विश्व कल्याणार्थ भारत को विश्व गुरु बनाओ !!!     যুগ দর্পণ, યુગ દર્પણ  ਯੁਗ ਦਰ੍ਪਣ, யுகதர்பண  യുഗദര്പണ  యుగదర్పణ  ಯುಗದರ್ಪಣ, يگدرپयुग दर्पण:,  yugdarpan
कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका;
विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये | - तिलक
भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | मानवतावादी वेश में आया रावण |
संस्कृति में ही हमारे प्राण है | भारतीय संस्कृति की रक्षा हमारा दायित्व || -तिलक

मंगलवार, 5 अगस्त 2014

तो मैं सांप्रदायिक सही

तो मैं सांप्रदायिक सही
यदि लव जिहाद से हमारी बहु बेटियां अपवित्र धर्म परिवर्तन के लिए बाध्य तथा समूहित अनैतिकता एवं आतंकी अपराधियों का शिकार हों और हम कहें हम तुम सभी अपराधी हैं ! समाज को नेक या बुरे की सीमाओं में मत बांटो! जिसे जो करना है करने दो। अपराधियों को खुली छूट रहे कोई विरोध न करे। इस स्वछँदता को स्वतंत्रता का नाम दे राष्ट्र द्रोह को समर्थन, यह कैसा मानवतावाद है ? पूरा विश्व जिनसे त्रस्त है यहाँ तक ये शियाओं को भी सहन नहीं करते या तो हम इमके कारनामे जानते न हों, या सुन्नियों के विरोध को पुरे इस्लाम का विरोध मैंने की भूल करते हों ? तब यह भूल करने वाले जान लें कि शिया मुस्लिमों को ईरान में रक्तपात करनेवाले इन आतंकियों का समर्थन मानवता नहीं इनका विरोध मानवता के हित में है। जिन वामपंथियों ने इसके लिए हमें सांप्रदायिक बताया उनका चीन भी इसका शिकार हो गया है। मेरठ, सहारनपुर, बरेली, से इराक इसराइल चीन जल रहे है अमरीका ऑस्ट्रेलिया इंग्लॅण्ड झुलस चुके हैं! पूरा विश्व जले तो जले मैं मानवतावादी दिखूं ऐसा पाखंडी मैं तो नहीं इनसे देश बचाने में, यदि अब भी मैं सांप्रदायिक हूँ तो ...https://www.facebook.com/Theniacceptiam/
नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प
-युगदर्पण मीडिया समूह YDMS- तिलक संपादक 7531949051, 9911111611
भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | मानवतावादी वेश में आया रावण |
संस्कृति में ही हमारे प्राण है | भारतीय संस्कृति की रक्षा हमारा दायित्व || -तिलक

सरकार और प्रभाव

सरकार और प्रभाव 
विश्व बैंक में कार्य कर चुके 'ममोसिं' की सरकार विश्व बैंक से ऋण मांगती थी तो मना किया जा रहा था किन्तु मोदी की सरकार को विश्व बैंक स्वयं ऋण देने को उत्सुक है; क्यों?
वह सरकार 6 माह का ब्याज नहीं दे रही थी, आज 2 माह का अग्रिम ब्याज दे चुके हैं। 
उनके शासन में हिंदी व हिन्दुओं का तिरस्कार होता था, अब सम्मान दिया जाता है। 
वे ज्यारत पर चद्दर चढ़ा रोज़ा खोल नेता देश के लुटेरे थे, यह भारत माँ का सेवक बन तथा संसद का सम्मान मंदिर सा और हिन्दू मंदिरों को सम्मान के नए युग का सूत्रपात करने वाला है। प्राकृतिक आपदा से निपटना तथा उसमे भी स्थिति नियंत्रण के अद्भुत कौशल से युक्त नेतृत्व में आशा के बीच निराशा फैलाकर, असंतोष अव्यवस्था का कुचक्र करना राष्ट्र द्रोह है। 
भ्रम फ़ैलाने के ऐसे कुचक्र में पारम्परिक नकारात्मक बिकाऊ मीडिया की भूमिका शर्मनिरपेक्षता पूर्ण है।
अच्छे दिनों का क्या कहना अब वो तो निश्चित ही आएंगे 
और इस विश्व गुरु भारत का मान भी जग भर में बढ़ाएंगे। 
यह देश, धर्म, समाज और भाषा अब न तिरस्कृत होने देंगे! 
देश की जड़ों से जुड़के रहेंगे और युगदर्पण के साथ चलेंगे !!
সরকার ও প্রভাব, સરકાર અને અસરો, ਸਰਕਾਰ ਅਤੇ ਪਰਭਾਵ, حکومت اور اثرات सरकार आणि प्रभाव, ಸರ್ಕಾರ ಮತ್ತು ಪರಿಣಾಮಗಳು, அரசு மற்றும் விளைவுகள்,  ప్రభుత్వం మరియు ప్రభావాలు, सरकार र प्रभावहरु, Government and Effects
http://samaajdarpan.blogspot.in/2014/08/blog-post.html
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यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण,
 योग्यता व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | छद्म वेश में फिर आया रावण |
संस्कृति में ही हमारे प्राण है | भारतीय संस्कृति की रक्षा हमारा दायित्व || -तिलक

गुरुवार, 31 जुलाई 2014

मीडिया और इस्लाम का रोजा फंडा....

मीडिया और इस्लाम का रोजा फंडा.....
*इस्लाम में रोजा 6 वर्ष की बच्ची से मस्जिद में बलात्कार करने से नहीं टूटता ?
*रोजा रक्त पात, औरतों और बच्चों की हत्या से भी नहीं टूटता... जैसा कि ईराक में हो रहा है और अधिक पाकिस्तान और हिन्दुस्तान में इन मुल्लों का नंगा नाच तो कहीं भी देखने को मिल जाता है
*रोजा चोरी-छिनारी और सारे कुकर्म करने के बाद झूठ बोलने से भी नहीं टूटता?
*हिन्दुओं पर हमला करने से, हवन कुंद में पेशाब करने से, हिन्दू धार्मिक स्थलों में आगजनि करने से, शिवलिंग को ठोकर मारने से भी इन मुल्लों के रोजे नहीं टूटते, जैसा सब इन्होने अमरनाथ यात्रा में किया ?
*उत्तम व्यंजन के लिए उचित राशि लेकर पैसों के लालच में बेईमानी करके घटिया खाद्य सामिग्री देकर धोखाधड़ी से भी रोजा नहीं टूटता ?
अर्थात विश्व के किसी भी कुकर्म से इस्लाम में रोजा नहीं टूटता....? पर मुह पर रोटी लगने से रोजा टूट जाता है..... और हमारी मीडिया का रोजा किसी हिन्दू पर अत्याचार से नहीं टूटता, पर मुल्लों पर इनका भी रोजा टूट जाता है? क्या हमारा मैकालेवादी मीडिया भी, मुल्ला मुलायम की राह चल, मुल्लावादी हो गया है ?
वन्देमातरम, मेरी इस मित्र मंडळी मे आपका हार्दिक स्वागत है। इस देश को लुटने से बचाने तथा बिकाऊ मैकालेवादी, शर्मनिरपेक्ष मीडिया का एक मात्र सार्थक, व्यापक, विकल्प युगदर्पण 13 वर्ष से सतत संघर्षरत। YDMS की विविधता, व्यापकता व लेखन का परिचय: युगदर्पण मीडिया समूह YDMS में राष्ट्रवाद के विविध विषय के 25 ब्लाग, 5 चेनल, orkut, FB, ट्वीटर etc सहित एक वेब भी है।
आइयें, हम सब मिलकर बिकाऊ मैकालेवादी, मुल्लावादी, शर्मनिरपेक्ष मीडिया को परास्त कर सकते हैं। -तथा "राष्ट्र वादी मीडिया" उसका विकल्प बन सकता है। 
"वन्देमातरम" को अपना मंत्र बनायें। अँधेरे के साम्राज्य से बाहर का एक मार्ग…remain connected to -युगदर्पण मीडिया समूह YDMS. तिलक रेलन 9911111611,
Media For Nation First & last. राष्ट्र प्रथम से अंतिम, आधारित मीडिया YDMS 
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बुधवार, 30 जुलाई 2014

सहारनपुर का सच

सहारनपुर का सच
सन्1948 तक ये भूमि एक मुस्लिम परिवार की थी। सन् 1948 के आसपास एक अग्रवाल परिवार को बेच दी गई। सन् 2001 मे उस अग्रवाल परिवार ने इसे सिख गुरुद्वारा साहिब प्रबंधन को बेच दी। स् न2010 मे काम चालू हुआ और 2014 मे जब छत डाली जा रही थी, तभी वहां के एक मुस्लिम कांग्रेसी पार्षद वहां विरोध के लिए गया और अगले दिन सुबह उसने पास की मस्जिद से फरमान जारी कर 10000 मुसलमानों को इकट्ठा कर भडकाऊ भाषण दिया था। उस के बाद उसने भीड के साथ गुरूद्वारा के आस पास प्राय: 150 दुकानों को लूटने के बाद कई दुकानों में आग लगाई। कई वाहनों में आग लगाई और यह सब प्राय: 2 -3 घन्टे चला। 
जब सिख समुदाय सामने आया तो अखिलेश मुलायम सिंह यादव की मुल्लावादी सरकार सामने आई। जो पुलिस 2-3 घन्टे से सो रही थी। वह सिख समुदाय को रोकने के लिए जाग गई और तुरंत कर्फ्यू लगा दिया और मुसलमानों को बचाया । जिस कांग्रेसी पार्षद ने ये कराया, वह दिल्ली के इमाम बुखारी का सम्बन्धी (रिश्तेदार) है। इस लिए उसे बचाया जा रहा है। ये हैं सच्चाई सहारनपुर की। 
2002 के निर्दोष मोदी पर जिस प्रकार 10 -12 वर्ष प्रहार हुए, अब उ प्र में वास्तविक अपराध के मामले में नकारात्मक मीडिया को सांप क्यों सूंघ गया है? पक्षपाती नकारात्मक मीडिया की वह धार, अब कुंद क्यों पड़ गई ?
नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प
-युगदर्पण मीडिया समूह YDMS- तिलक संपादक 7531949051, 9911111611
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भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | छद्म वेश में फिर आया रावण |
संस्कृति में ही हमारे प्राण है | भारतीय संस्कृति की रक्षा हमारा दायित्व || -तिलक

शुक्रवार, 25 जुलाई 2014

मोदी का वीरोचित खुला आदेश

भारतीय सेना को मोदी का वीरोचित खुला आदेश 
देश के एक एक सैनिक  प्राण बहुमूल्य है
भारतीय सेना को मेरी ओर से खुली छूट है 
पाकिस्तान को उसकी भाषा में उत्तर दिया जाए।।
इसके पूर्व अर्ध सत्य से हमारे समाज के पौरुष को कलंकित नपुंसता में बदल व सेना के हाथ बांध कर ही, भारत को इंडिया बनाने वालों के कारण देश में घोर विनाश हुआ।
वन्देमातरम,  राष्ट्र के पौरुष को जागृत रखने से विश्व में भारत स्वाभिमान व सम्मान से खड़ा होगा।
अहिंसा ही परम धर्म नहीं, हिंसा भी परम धर्म है, देखें कि यह दोनों किन परिस्थितियों में किये गए।
अनावश्यक हिंसा उचित नहीं किन्तु पापियों के भय से कायरता को अहिंसा का नाम नहीं दिया जा सकता। उनका विनाश ही परम धर्म है।
पूर्ण सत्य के प्राकट्य व राष्ट्र जागरण हेतु जुड़ें:
नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प -युगदर्पण मीडिया समूह YDMS- तिलक संपादक 9911111611, 7531949051
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण, योग्यता व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | छद्म वेश में फिर आया रावण | संस्कृति में ही हमारे प्राण है | भारतीय संस्कृति की रक्षा हमारा दायित्व || -तिलक

बुधवार, 23 जुलाई 2014

"अहिंसा परमों धर्मं: धर्मं हिंसा तथैव च:"

वन्देमातरम, "गीता का पूर्ण श्लोक है"
"अहिंसा परमों धर्मं: धर्मं हिंसा तथैव :"
अर्थात यदि अहिंसा परम धर्म है तो धर्म के
लिए हिंसा (अर्थात छलिया कानून के अनुसार हिंसा) भी परम धर्म है।
अहिंसा ही परम धर्म नहीं, हिंसा भी परम धर्म है, देखें कि यह दोनों किन परिस्थितियों में किये गए। 
अनावश्यक हिंसा उचित नहीं किन्तु पापियों के भय से कायरता को अहिंसा का नाम नहीं दिया जा सकता। उनका विनाश ही परम धर्म है।
अर्ध सत्य से हमारे पौरुष को कलंकित नपुंसता में बदल कर ही भारत को इंडिया बनाने वालों के कारण देश में घोर विनाश हुआ। 
सत्य के प्राकट्य हेतु जुड़ें।
देश की जड़ों से जुड़ें, जागें और जगाएं;
विश्व कल्याणार्थ भारत को विश्व गुरु बनाएं। 
जब नकारात्मक बिकाऊ मीडिया जनता को भ्रमित करे, तब पायें - नकारात्मक बिकाऊ मीडिया का सकारात्मक राष्ट्रवादी व्यापक सार्थक विकल्प, युगदर्पण मीडियासमूह YDMS. 30 Blogs विविध, + पत्रकारिता में आधुनिक विचार, लघु आकार -सम्पूर्ण समाचार।  
यदि आप भी मुझसे जुड़ना चाहते हैं, तो आपका हार्दिक स्वागत है, संपर्क करें औऱ अपने सम्पर्क सूत्र सहित बताएं, कि आप किस प्रकार  किस स्तर पर कार्य करना चाहते हैं, तथा कितना समय देना चाहते हैं ? आपका आभार अग्रेषित है। 
-तिलक सं 9911111611, 7531949051.9911383670, 9999777358
भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | छद्म वेश में फिर आया रावण | संस्कृति में ही हमारे प्राण है | भारतीय संस्कृति की रक्षा हमारा दायित्व || -तिलक