सत्यदर्पण:-

सत्यदर्पण:- कलयुग का झूठ सफ़ेद, सत्य काला क्यों हो गया है ?-गोरे अंग्रेज़ गए काले अंग्रेज़ रह गए। जो उनके राज में न हो सका पूरा, मैकाले के उस अधूरे को 60 वर्ष में पूरा करेंगे उसके साले। विश्व की सर्वश्रेष्ठ उस संस्कृति को नष्ट किया जा रहा है, देश को लूटा जा रहा है। दिन के प्रकाश में सबके सामने आता सफेद झूठ; और अंधकार में लुप्त सच।

भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | मानवतावादी वेश में आया रावण | संस्कृति में ही हमारे प्राण है | भारतीय संस्कृति की रक्षा हमारा दायित्व | -तिलक 7531949051, 09911111611, 9999777358.

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शुक्रवार, 5 दिसंबर 2014

भगवा दिवस 6 दिस का औचित्य

भगवा दिवस 6 दिस का औचित्य
भूमिका आइये सर्वप्रथम रामजन्म भूमि का संक्षिप इतिहास जान लेते हैं। फिर इस पर 30 वर्ष की बकवास बाबरी और 6 दिस भगवा दिवस का औचित्य जानना समझना सरल होगा। जीवन में हम को कई बार घर बदलना पड़ता है किन्तु सारा विवरण नहीं केवल जन्म स्थल महत्वपूर्ण होता है। जन्म प्रमाण पात्र में जो स्थान लिखा है, उसे बदलना तो परिचय ही बदल देना हुआ।
मंदिरों को ध्वस्त कर बनाई गई, भारत की सभी मस्जिद का नहीं मुख्य 3000 में से मात्र 3 पर मुस्लिम सहमत हो जाते तो सौहार्द स्थापित हो सकता था।
किन्तु जिन्हे सौहार्द नहीं तुष्टिकरण चाहिए था, वे धर्मनिरपेक्षता के नाम पर हिन्दू (छद्म) होकर भी हिन्दुओं को चोट पहुंचाते रहे। जिस खंडहर के लिए, वे हमें दावा छोड़ने की बात कहते रहे, वहां 45 वर्ष में कभी नमाज़ नहीं पढ़ी गई थी। फिर भी राम की जन्म स्थली अर्थात परिचय बदलने का दबाव हम पर बनाया गया। जबकि बाबरी निर्माण में हमारे सम्मान को कुचलने का भाव था, किन्तु उसे त्यागना न्यायपूर्ण तथा सौहार्द स्थापित करने हेतु आवश्यक था, नहीं किया गया। खंडहर के स्तम्भ या चोखट पर कहीं फूल पत्ती नहीं हिन्दू चिन्ह व मूर्ति उकेरी होना प्रमाण है मंदिर को ध्वस्त कर उसके अवशेष जोड़कर खड़ा किये बाबरी ढाँचे को मस्जिद या मुस्लिम पूजा स्थल नहीं कहा जा सकता था। मंदिर पुनरुत्थान का लम्बा आन्दोलन तथा बलिदान की श्रृंखला है।
हिन्दू मानमर्दन कलंक चिन्ह को मिटाकर भगवा का प्रथम संकेत 22 वर्ष पूर्व मिला था। किन्तु शर्मनिरपेक्ष उसे साकार नहीं होने दे रहे थे। आंदोलन के समय मंदिर कहीं और बनाने की बात करते रहे, ढांचा ध्वस्त होने पर उसे फिरसे बनाने अथवा उस विवादित स्थल पर विद्यालय, चिकित्सालय आदि कई विकल्प, केवल मंदिर को रोकने के लिए रखे गए। हाशिम अंसारी, मुस्लिम महिला फाउंडेशन, अयोध्या में राम मंदिर बनाने की पहल में साथ देने के  प्रयास तो उन शर्मनिरपेक्षों को कभी स्वीकार या सहन नहीं होते ? अब धुंध छंट रही है। सौहार्द स्थापित करने के हाशिम अंसारी, मुस्लिम महिला फाउंडेशन के इन प्रयासों के लिए, युगदर्पण परिवार की ओर से, इनका धन्यवाद तथा समस्त हिन्दुओं को बधाई एवं हार्दिक शुभकामनायें। 
भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | मानवतावादी वेश में आया रावण |
भारतीय संस्कृति में ही हमारे प्राण है | संस्कृति की रक्षा करना हमारा दायित्व || -तिलक

गुरुवार, 20 नवंबर 2014

50 लाख अवैध प्रवासियों को वैधता :ओबामा


50 लाख अवैध प्रवासियों को वैधता :ओबामा 
ओबामा ने देश में रह रहे 50 लाख से अधिक अवैध प्रवासियों को वैधता उपलब्ध करवाने के क्रम में अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए कई प्रशासनिक सुधारों की घोषणा की। 
ये है मोदी का चमत्कार 

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जब नकारात्मक बिकाऊ मीडिया जनता को भ्रमित करे, 

तब पायें - नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक व्यापक विकल्प का 

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अन्यत्र, हिन्दू समाज व हिदुत्व और भारत, को प्रभावित करने वाली जानकारी का दर्पण है: विश्वदर्पण | आओ, मिलकर इसे बनायें; -तिलक
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मंगलवार, 18 नवंबर 2014

नरेंद्र मोदी, अमित शाह शीर्ष वैश्विक चिंतक

नरेंद्र मोदी, अमित शाह शीर्ष वैश्विक चिंतक 

अमेरिकी पत्रिका: 'फॉरेन पॉलिसी' ने '100 वैश्विक चिंतकों' की छठी वार्षिक सूची जारी की है, जिसके तहत 'निर्णय लेने वालों' की श्रेणी में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शीर्ष स्थान दिया गया है, और उनके बाद जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का स्थान है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अंतरराष्ट्रीय लोकप्रियता में उत्तरोत्तर वृद्धि। गत 6 माह में उन्होंने 7 बड़े विदेश प्रवास किए और हर स्थान पर लोगों के आकर्षण का केंद्र बने रहें। अब लोकप्रिय वैश्विक नेता होंगे। 

बुधवार, 5 नवंबर 2014

प्रकाशपर्व की बधाइयाँ

प्रकाशपर्व की बधाइयाँ

गुरुनानक जयंती पर विशेष 
जो बोले सो निहाल सतश्री अकाल 
132235549अखिल विश्व में बसे गुरुसिख, उनके दिल बसे नानक देव। सभी को प्रकाशपर्व की कोटि कोटि बधाइयाँ, शुभकामनाये, -तिलक समस्त युगदर्पण मीडिया परिवार YDMS
गुरपूरब के पवित्र दिन का महत्व - इसे प्रकाश उत्सव के नाम से भी जाना जाता है। इस पवित्र दिन केशधारी व सेहजधारी गुरु ग्रन्थ साहब की वाणी का अमृत, तथा कीर्तन अरदास करते हैं। इसके पूर्व प्रभात फेरियाँ निकली जाती हैं। गुरुद्वारों में अखंड लंगर तो 
कृ इस लिंक पर बटन दबाएं http://dharmsanskrutidarpan.blogspot.in/2014/11/blog-post.html
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण,
योग्यता व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
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मंगलवार, 4 नवंबर 2014

सियासत, विरासत और खिसियाहट

सियासत, विरासत और खिसियाहट 
21वीं सदी की राजनीति में सफलता के आयाम, जो असफलता चाहें, तो पूरा न पढ़ें। 
जब सत्ता को विरासत समझने वालों के दिन लने लगे, तब विरासत के ठेकेदारों ने विरासत मनमोहन को सौंप दी। किन्तु मौन कठपुतली बने, नाम के मनमोहन, किसी का मन मोह नहीं सके। न पप्पू विरासत ढोने योग्य थे। 
तब एक नए युग का सूत्रपात हुआ, इनके कुशासन व लूटराज से मुक्ति का युग आरम्भ हुआ। इस कड़ी में दो नाम उभरे। एक 'मोदी' जिसे विरासतदारों का बिकाऊ नकारात्मक मीडिया 2002 से पानी पी पी कर कोस रहा था, किन्तु गुजरात की जनता में उसके कार्य अपनी पैठ बना रहे थे। साम्प्रदायिकता के कलंक के विपरीत भेदभाव रहित शासन में, उसे मुस्लिमों ने भी अपनाया था। वे तीनों बार पहले से अधिक प्रचण्ड बहुमत से जनादेश पा कर अधिक सेवा का अद्भुत उदाहरण बने। 
दूसरा नाम प्रचार की देन 'केजरीवाल' का, जिसे अन्ना आंदोलन से पूर्व कोई जानता न था। दिल्ली में चल गया, तो उसने पूरे देश को, अपने प्रचार तंत्र में फंसाने का काम शुरू कर दिया !! अंधेरों से उठ कर दिल्ली का मु मं बना, तो मुँगरीलाल ने प्रधान मं बनने लोभ में छोटी कुर्सी को ठोकर मार दी। (जिस प्रकार 2004 में सोनिया को मदर टेरेसा बनाया गया था, देश लुटता भी रहा, जय गाते भी रहे, भ्रमजाल में फंसे ये लुटने वाले) केजरीवाल का  कुर्सी त्याग प्रचारित होने लगा। किन्तु बड़ी कुर्सी के लोभ का सत्य खुला, तो केजरीवाल 'थप्पड़ लाल' बन गया। केवल पँजाब के अतिरिक्त पूरे देश के 404 में से 400 प्रत्याशी, विजय तो क्या, जमानत बचा पाने में भी असफल रहे। कार ठोस काम का अभाव केवल, गुब्बारे में भरी हवा से पूरा नहीं होता। ठुस्स हो गया ! 
मोदी को गुजरात के पश्चात, देश की बागडोर सौंपने के कारण, पूरे विश्व में भारत ने अपनी, समाज में मोदी की साख बनाई है। महाराष्ट्र में शिवसेना की पूँछ पकडे बिना, सबसे बड़ा दल बने, हरियाणा में भाजपा ने, मात्र 4 से 47 की लम्बी छलांग से अपने बल पर बहुमत पाया। अब दिल्ली में भी मोदी के नेतृत्व में, भाजपा को सत्ता सौंप देगी। किन्तु, केजरीवाल को दिल्ली के बाद, देश में सत्ता से दूर होने के बाद, अब फिर से दिल्ली में सत्ता सौंपने के नाम पर, जनता बाबा जी का ठुल्लू ही सौंपेगी !!  इसके 70 प्रत्याशी, यदि खड़े हो भी गए; कोई एक भी जमानत बचने का दावा नहीं कर सकता !!!!!!!! 
जय हो !!

उत्तिष्ठत अर्जुन, उत्तिष्ठत जाग्रत !! 

समाज विश्व कल्याणार्थ देश की जड़ों से जुड़ें, युगदर्पण मीडिया समूह के संग।

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हम जो भी कार्य करते हैं, परिवार/काम धंधे के लिए करते हैं |
देश की बिगड चुकी दशा व दिशा की ओर कोई नहीं देखता |
आओ मिलकर कार्य संस्कृति की दिशा व दशा श्रेष्ठ बनायें-तिलक
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शनिवार, 1 नवंबर 2014

क्या ये समाज के योग्य है ?

क्या ये समाज के योग्य है ?
आज के दो महत्वपूर्ण समाचार
1. जब राबर्ट वाड्रा से उसके विवादित भूमि सौदों के बारे में पूछा, निरुत्तर क्रोधित वाड्रा ने माइक धकेल दिया।
https://www.youtube.com/watch?v=PI2V40M_rHg&list=PLE26119A2723D491D&index=44
कम्पूजी - जब गधों को सर पे बिठाया जायेगा, तब दुलत्ती खाने से क्या घबराना ?
2. आज़म खान ने कहा, मेरी क्षमता दो बच्चों का पिता होने की है मोदी की नहीं
https://www.youtube.com/watch?v=HDrXiRqLDIk&list=PLE26119A2723D491D&index=45
कम्पूजी - आप की तुलना सूअर और कीड़े मकोड़ों से करें, तो वे एक साथ कहीं अधिक पैदा कर सकते हैं! किन्तु इतिहास का निर्माण करने की क्षमता आप में से किसी में नहीं, जो मोदी में है। जिसके लिए वे पूरे विश्व की प्रशंसा के पात्र होंगे। तुम मानव भी नहीं बन सकते, वे महामानव बन गए
क्या आप है- कम्पूजी से सहमत A,...  असहमत B,....  अन्य टिप्पणी 
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया |
 इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है; - तिलक
भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो |
शर्मनिरपेक्ष मानवतावादी वेश में आया रावण |
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संस्कृति की रक्षा करना हमारा दायित्व || -तिलक

मंगलवार, 21 अक्तूबर 2014

एक शर्मनिरपेक्ष गधा

एक शर्मनिरपेक्ष गधा 
कृ ध्यान से पढ़ें, टिप्पणी /शेयर अवश्य करें 
सहमत -A,...असहमत -B,... अन्य टिप्पणी ..
एक गधे को नेतागीरी का चस्का लगा! दीवाली के पूर्व, जनता को सलाह देने लगा- पटाखे आतिशबाजी का उपयोग न करें !! 
मैंने उससे पूछा, क्या बकरीद से पूर्व भी ऐसी सलाह दी थी, बिना जीव हत्या के बकरीद मनाएं। 
तो बोला- नहीं।  पास खड़े दूसरे व्यक्ति ने पूछा, तूँ मुस्लिम है क्या ? फिर बोला -नहीं।  तीसरे ने पूछा -अबे अपनी माँ से तो पूछ, कहीं लव जिहाद में फँसी हो, अपना पहला प्रेम नहीं भूली होगी, 
तभी उनसे तेरा खून का रिश्ता बोलता है। 
ये है, हिन्दू विरोधी, राष्ट्र द्रोही, शर्म निरपेक्षों की डीएनए जाँच !!!
उत्तिष्ठत अर्जुन, उत्तिष्ठत जाग्रत !! 
आपकी सहमति के, शेयर के सभी आँकलन तोड़ 
ये पहुंचें 125 करोड़ 
YDMS-07531949051
"अंधेरों के जंगल में, दिया मैंने जलाया है |
इक दिया, तुम भी जलादो; अँधेरे मिट ही जायेंगे ||"- तिलक
भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो |
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भारतीय संस्कृति में ही हमारे प्राण है |
संस्कृति की रक्षा करना हमारा दायित्व || -तिलक