कार्यकर्त्ता नहीं, ये पाखंडी हैं- 'कार्यहर्त्ता' (युगदर्पण द्वारा सम्पादित)
"भूमि अधिग्रहण मुद्दे पर अपने-अपने बिल से निकल आये पाखंडियो से प्रश्न" ...गुड़ खा कर गुलगुले से परहेज कैसा?.... तुम जिस फ़्लैट में रह रहे हो, वह किसी किसान की भूमि अधिग्रहण से ही बना है। ...तुम जिस सड़क पर चल कर प्रदर्शन करने आ रहे हो पाखंडियो, वह किसी किसान की भूमि अधिग्रहण से ही बना है। ...तुम जिस चिकित्सालय में चिकित्सा करवाते हो, वह किसी किसान की भूमि अधिग्रहण से ही बना है। ...तुम जिस स्कूल /कॉलेज /विश्व विद्यालय में पढ़े हो, वह किसी किसान की भूमि अधिग्रहण से ही बना है। ....यह स्टेशन, कोर्ट कचहरी संसद विधान सभाएं सभी के भवन, औद्योगिक इकाइयां किसी न किसी किसान की भूमि अधिग्रहण से ही बना है। ...यह जो प्रदर्शन करने चल पड़े हैं, पहले अपने फ्लेट /भूखंड उन किसानो को लौटाएं, कि जिनकी भूमी अधिग्रहीत करके यह बने हैं। ...हर विकास में रोड़ा अडाना इनका काम है ...बिजली की उसी आपूर्ति के लिए यह बेचैन हो जाते हैं। ...बिजली के बिल में सब्सिडी /छूट चाहते हैं, पर बाँध बनाने का / नई विद्युत् इकाई लगाने का विरोध करते हैं, ...NGO नामक जीवाणु घुन, जैसे कार्यकर्त्ता लोग निरंतर भारत को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं।
खेतों में अब फसल के अतिरिक्त भूखंड भी उग रहे हैं, तो औद्योगिक इकाइयां भी उग सकती हैं। खेतों में गुड़गांव उग आया, नॉएडा उग आया तो अब क्या कष्ट है। अन्ना को रोबर्ट्स बढेरा की हरियाणा की भूमी दिखाई नहीं दी? ...यह लोग वास्तव में कार्यकर्त्ता (Activist ) नहीं पाखंडी (Fake ) हैं कार्यहर्त्ता (Faketivist ) हैं। . वास्तव में बात तो यह है कि देश की राजनीति में ध्रुवीकरण हुआ है, राष्ट्रवादी शक्तियां नरेंद्र मोदी के साथ जुट गयी हैं; तो साम्यवादी शक्तियां अरविन्द केजरीवाल के साथ। ऐसे में अवसरवादी शक्तियाँ अपनी पहचान को तरसती हुयी, नया ध्रुवीकरण बनाने को जुट गयीं हैं। ...वह लोग जो नरेंद्र मोदी के राष्ट्रवादी अभियान और केजरीवाल के साम्यवादी आकांक्षाओं में समायोजित नहीं हो सकीं और निष्प्रयोज्य पायी गयीं, ...वह राजनीतिक बेरोजगार बेकार लोग, अब इस प्रकार पाखंडियो को धार दे रहे हैं।"--- राजीव चतुर्वेदी
अब आप सब चिंतन करते रहिये, कि धरने के पीछे का वास्तविक खेल है क्या ?
भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो |
मानवतावादी वेश में आया रावण |
भारतीय संस्कृति में ही हमारे प्राण है |
संस्कृति की रक्षा करना हमारा दायित्व || -तिलक
अन्ना का भूमि अधिग्रहण आंदोलन :
कुछ नए तथ्य जिनसे प्रश्न उठते हैं कि वो कौन लोग हैं जो भूमि अधिग्रहण बिल पर आंदोलन के लिए अन्ना को अनुबंधित विमान उपलब्ध करा रहे हैं, स्पष्ट है किसान तो नही, फिर कौन लोग है जो किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर राजनितिक षड्यंत्र कर रहे हैं !
अन्ना हजारे विशेष अनुबंधित विमान से पंकज पचौरी के साथ में दिल्ली पहुंचता है ! पंकज पचौरी एनडीटीवी के पूर्व प्रबंध संपादक और मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार थे ! विस्मय की बात ये है कि कांग्रेस का पूर्व सांसद, उड़ीसा, हरियाणा में कई हजार किसानो के लाखो हेक्टेयर भूमि पर कब्जाने का अभियुक्त जिंदल समूह, ये जेट, (जिसकी माँ साबित्री जिंदल, हरियाणा की कांग्रेस सरकार में काबीना मंत्री थी!) का था!
भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो |
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