सत्यदर्पण:-

सत्यदर्पण:- कलयुग का झूठ सफ़ेद, सत्य काला क्यों हो गया है ?-गोरे अंग्रेज़ गए काले अंग्रेज़ रह गए। जो उनके राज में न हो सका पूरा, मैकाले के उस अधूरे को 60 वर्ष में पूरा करेंगे उसके साले। विश्व की सर्वश्रेष्ठ उस संस्कृति को नष्ट किया जा रहा है, देश को लूटा जा रहा है। दिन के प्रकाश में सबके सामने आता सफेद झूठ; और अंधकार में लुप्त सच।

भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | मानवतावादी वेश में आया रावण | संस्कृति में ही हमारे प्राण है | भारतीय संस्कृति की रक्षा हमारा दायित्व | -तिलक 7531949051, 09911111611, 9999777358.

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शनिवार, 15 अगस्त 2015

केजरीवाल का गोल मॉल

केजरीवाल का गोल मॉल 
देव आशीष भट्टाचार्य RTI एक्टीविस्ट ने 22 अप्रैल, 2015 को केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास आवेदन में पूछा था कि दिल्ली पुलिस को लेकर गृह मंत्रालय तथा दिल्ली सरकार के मध्य क्या पत्राचार हुआ है? 
गृह मंत्रालय ने अपने रिकार्ड को देख कर बताया कि इस संबंध में दिल्ली सरकार से कोई लिखित पत्राचार शुरू नहीं हुआ है। 
जिससे पता चलता है कि आप सरकार दिल्ली पुलिस का नियंत्रण लेने के लिए अधिक गंभीर नहीं है। वह केवल बयानबाजी में ही उलझी हुई है।
गृह मंत्रालय ने उनके RTI आवेदन को दिल्ली सरकार व दिल्ली पुलिस के पास भेज दिया। 
मुख्य बात यह है कि मुख्यमंत्री, गृह मंत्री, खाद्य व आपूर्ति मंत्री, कानून मंत्री तथा महिला व बाल विकास मंत्री ने भी अपने रिकार्ड को देख कर बताया कि उनका गृह मंत्रालय के साथ कोई पत्राचार नहीं हुआ। गृह विभाग ने भी ऐसी कोई सूचना अपने रिकार्ड में होने से इंकार किया है।
केजरीवाल सरकार ने अभी तक दिल्ली पुलिस का नियंत्रण लेने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र तक तो लिखा नहीं, दिल्ली सरकार के गृह विभाग व उनके मंत्रियों ने तुर्कमैन गेट हत्याकांड तथा जंतर-मंतर आत्महत्या केस के निपटारे के लिए गंभीरता नहीं दिखाई। 
भट्टाचार्य ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री केजरीवाल दिल्ली में कानून-व्यवस्था सुधारने के लिए दिल्ली पुलिस का नियंत्रण सरकार के पास लेना चाहते हैं, तो उन्हें सबसे पहले केंद्र सरकार के साथ सरकारी स्तर पर पत्राचार तो शुरू करना चाहिए। 
केजरीवाल सरकार इन दोनों मामलों में बकवासबाजी तो कर रही थी, परंतु सरकारी स्तर पर कोई पग नहीं उठाए गए। 
केजरीवाल पार्टी अब अ से ब अर्थात आआप से बबप हो गई है। आपका क्या विचार है ? 
भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | मानवतावादी वेश में आया रावण |
भारतीय संस्कृति में ही हमारे प्राण है | संस्कृति की रक्षा करना हमारा दायित्व || -तिलक