सत्यदर्पण:-

सत्यदर्पण:- कलयुग का झूठ सफ़ेद, सत्य काला क्यों हो गया है ?-गोरे अंग्रेज़ गए काले अंग्रेज़ रह गए। जो उनके राज में न हो सका पूरा, मैकाले के उस अधूरे को 60 वर्ष में पूरा करेंगे उसके साले। विश्व की सर्वश्रेष्ठ उस संस्कृति को नष्ट किया जा रहा है, देश को लूटा जा रहा है। दिन के प्रकाश में सबके सामने आता सफेद झूठ; और अंधकार में लुप्त सच।

भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | मानवतावादी वेश में आया रावण | संस्कृति में ही हमारे प्राण है | भारतीय संस्कृति की रक्षा हमारा दायित्व | -तिलक 7531949051, 09911111611, 9999777358.

what's App no 9971065525


DD-Live YDMS दूरदर्पण विविध राष्ट्रीय अन्तरराष्ट्रीय विषयों पर दो दर्जन प्ले-सूची

https://www.youtube.com/channel/UCHK9opMlYUfj0yTI6XovOFg एवं

वीभत्स मीडिया लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
वीभत्स मीडिया लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

शनिवार, 30 मार्च 2013

वैचारिक क्रांति का सूत्रपात, कुचक्रों से घिरा राष्ट्र जागे !

वैचारिक क्रांति का सूत्रपात, कुचक्रों से घिरा राष्ट्र जागे 
हुँ ओर से लपटों में झुलसते राष्ट्र को बचने की चिंता केवल भारत के सच्चे सपूतों को ही होगी। अन्य तो मात्र पाखंड ही करेंगे। हमें भारत को उन लपटों से बचाना भी है, और उस पाखंड को भी खंड खंड करना है।
      केवल राजनैतिक, आर्थिक या सुरक्षा का मामला ही नहीं, सारी व्यवस्था, पूरी सोच राष्ट्र भाव तथा सांस्कृतिक गौरव से विहीन, लुंज पुंज होने के पीछे आधुनिकता के नाम पर मैकाले वाद तथा पाश्चात्य शैली का अँधा अनुसरण है। स्थिति जितनी व्यापक व भयावह है, चुनौती उतनी ही बड़ी है। इसका उतना ही व्यापक व गहन तथा लम्बा उपचार भी करना होगा । 
  सारी स्थिति व चुनौती को समझने एवं उपयुक्त उपचार के लिए युगदर्पण की सोच को जानने समझने यह लेख तथा व्यापक युगदर्पण मीडिया समूह YDMS देखें, बस आवश्यकता है इसके अनुरूप सोच व समर्पण से युक्त जुझारू सशक्त लेखकों के समूह की तथा इसे जन जन तक पहुँचाने की। 
युगदर्पण मीडिया समूह YDMS विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व तना ही व्यापक अन्य सूत्र का महाजाल जिसकी एक वैश्विक पहचान है। इस सोच व संघर्ष के साथी बन आप इनमें लिख भी सकते हैं व इसके लेख E मेल से पा भी सकते है तथा उन्हें पुनर्प्रकाशित भी कर सकते हैं। हमारे 5 चैनल का विवरण लेख के अंत में है। तथा सभी 28 ब्लाग के "नए रूप" का पूरा विवरण अगले 4 दिन में विस्तार से मिलता रहेगा। जिके Book Mark या Custom Link Renew बदल गए हों; वे वेब से विविध विषयों के Link ले कर नए Book Mark बना सकते हैं, या ब्लाग में सीधे जुड़ सकते हैं।। 
जिसके 28में से एक ब्लाग राष्ट्र दर्पण के पृष्ठों में देश के विभिन्न राज्यों की स्थिति के बारे में क्षेत्र अनुसार अंकित विस्तृत जानकारी इस लेख में है। हमारे अन्य सूत्र (लिंक)http://draft.blogger.com/blogger.g?blogID=1452973826612011101#editor/target=page;pageID=1562547998781675205

पूर्व के ये द्वार खोले उषा की किरणों हेतु, आतंकी काले साये- फिर कहाँ से आए ?
असम, बंगाल, उड़ीसा, सप्त द्वार (सिक्किम, अरुणांचल, मणिपुर, मेघालय, मिज़ो, नागालेंड, त्रिपुरा) 
..........क्या पूर्वोत्तर भारत का यह सत्य झुठलाया जा सकता है ?.........
आक्रान्ताओं की तलवारों के वारों को झेला व रोका
पंजाब, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा व द्वीप समूह.
मुकुट में भी आग लगी हो, नींद हमें कैसे आ जाये ?
जे.के., हिम.प्र., उत्तरा.खं., हरयाणा, चंडी., दिल्ली, उ.प्र.
भाषा न जाने, दिल को पहचाने
आन्ध्र.प्र., कर्ना., केरल, तमिलनाडु, पांडी., अं. नि. द्वीपसमूह. 
राष्ट्र के ह्रदय प्रदेश 
मध्य प्र., छत्तीसगढ़, बिहार, झाड़खंड 
हमारे चेनल: दूरदर्पण, ग्रन्थ ज्ञान दर्पण, दूरदर्पण मनोरंजन, देश समाज दर्पण, जीवन रस दर्पण, 5 youtube चेनल:- दूरदर्पण चैनल: विविध विषयों के भाग (18 PlayList)--; ग्रन्थज्ञानदर्पण चैनल: धर्म, ग्रन्थ ज्ञान, विज्ञान, मनोविज्ञान, योग, स्वास्थ्य, चिकित्सा, ज्योतिष, दर्शन शास्त्र, और तत्वज्ञान व बौद्धिक ज्ञान का दर्पण--; दूरदर्पण मनोरंजन: स्वस्थ मनोरंजन के साधन हेतु दूरदर्पण की प्रस्तुति दूरदर्पण मनोरंजन चैनल; देश समाज दर्पण चैनल: देश, समाज, इतिहास, परम्पराएं, व्यवस्था, राजनीति, कृति, संस्कृति सभ्यता, पर्यावरण और पर्यटन धरोहर का दर्पण --; जीवन रस दर्पण चैनल: काव्य, साहित्य, कला, प्रतिभा, क्रीडा, मनोरंजन, गीत, संगीत, कृति, प्रस्तुति, जीवन के मेले का दर्पण -- कृप्या प्रतिक्रिया दें | आपकी प्रतिक्रिया हमारे लिए महत्व पूर्ण है  इस से संशोधन और उत्साह पाकर हम आपको श्रेष्ठतम सामग्री दे सकेंगे | धन्यवाद -तिलक संपादक 9911111611, 9999777358.
नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक विकल्प का सार्थक व्यापक संकल्प - (विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की 60 से अधिक देशों में एक वैश्विक पहचान है। आप चाहें तो आप भी इस सोच व संघर्ष के साथी बन सकते हैं, इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक,  Be a member -Supporter, contributor, promotional Team, तिलक -संपादक युगदर्पण मीडिया समूह YDMS9911111611, yugdarpan.com 

विविध विषयों के 28 ब्लाग में से 14 :-
http://antarikshadarpan.blogspot.in/2013/03/blog-post_30.html

यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण,
 योग्यता व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | छद्म वेश में फिर आया रावण |
संस्कृति में ही हमारे प्राण है | भारतीय संस्कृति की रक्षा हमारा दायित्व || -तिलक

सोमवार, 25 मार्च 2013

अखिलेश सरकार के 365 दिन की उपलब्धियां !

गोधरा की 10 वर्ष पुरानी टेप बजाने वाला मीडिया ये नई टेप से शर्माता है या घबराता है ? असली गुंडों से भिड़ने की औकात नहीं, ऐसा समझ आता है। या वहां बोलना मना है, जहाँ हिन्दुओं का रक्त बहाया जाता है ? बात में दम लगे तो share करने का कोई मोल नहीं, पर share अनमोल होगा।

अखिलेश सरकार के 365 दिन की उपलब्धियां !  

 जिसका आरम्भ ऐसा है, आगे    4 वर्ष  में उसके उत्कर्ष का निष्कर्ष क्या  होगा ?

एक वर्ष में 27 दंगें, 380 अपहरण, 814 बलात्कार, 2257 हत्याएँ ! शर्मनिरपेक्ष मीडिया फिर भी चुप रह जाये ?

पंजाब केसरी से साभार 
 http://www.punjabkesari.in/news/एक-साल-में-27-दंगें,-380-किडनैपिंग,-814-बलात्कार,-2257-मर्डर-119060
नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक विकल्प का सार्थक संकल्प - (विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की 60 से अधिक देशों में एक वैश्विक पहचान है। आप चाहें तो आप भी बन सकते हैं, इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक,  Be a member -Supporter, contributor, promotional Team, तिलक -संपादक युगदर्पण मीडिया समूह YDMS9911111611, yugdarpan.com 
http://bharatasyasharmnirpekshvyavastha.blogspot.in/2013/03/365.html 
http://yuvaadarpan.blogspot.in/2013/03/365.html
http://kaaryakshetradarpan.blogspot.in/2013/03/365.html
http://www.facebook.com/photo.php?fbid=582133801796899&set=a.578602648816681.1073741826.578602582150021&type=1&theater
http://www.facebook.com/photo.php?fbid=356167867827672&set=a.348751938569265.1073741828.348046428639816&type=1&theater
http://www.facebook.com/photo.php?fbid=500037483378749&set=a.500037480045416.1073741826.497128860336278&type=1&theater
भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | छद्म वेश में फिर आया रावण |
संस्कृति में ही हमारे प्राण है | भारतीय संस्कृति की रक्षा हमारा दायित्व || -तिलक

मंगलवार, 22 जनवरी 2013

कैसी स्वतंत्रता कैसा गणतन्त्र


कैसी स्वतंत्रता कैसा गणतन्त्र  Like, comment, copypaste, tag 50 frnds


देश की कोई दुर्दशा पर भी, जब सत्ता की नींद न खोले;
सब जनता इनसे त्रस्त होके, जब अपने मुख से बोले
आतंकियों को बिरयानी व निहत्थों पर लाठी चलवायें;
इस तन्त्र को गणतंत्र मान, कहो भला अब कैसे मनाएं?
सत्ता इसके तन्त्र व बिकाऊ मीडिया को देना है धिक्कार;
सबसे पहले, स्वतंत्रता व गणतंत्रता दिवस का बहिष्कार
अधिनायकवादी सत्ता का विरोध, अपना है सदा अधिकार; 
क्या आपभी मेरी बातसे सहमत हैं और है यह स्वीकार-तिलक 
सत्य का तथ्य 
पहले जयचंद सा गद्दार, कभी कोई होता था !
ज हर ओर उन जैसों का आभास होता है
एक छिद्र मात्र से, नौका को डूबा देते हैं;
छननी की नौका, बनाने की सोच लेते हैं !
तुरंत डुबाने के इसी कुचक्र से उपजी कांग्रेस;
का जनक था, ए ओ ह्यूम नामक एक अंग्रेज । -तिलक 
पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है| -युगदर्पण

भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | छद्म वेश में फिर आया रावण |
संस्कृति में ही हमारे प्राण है | भारतीय संस्कृति की रक्षा हमारा दायित्व || -तिलक

सोमवार, 21 जनवरी 2013

शर्मनिर्पेक्ष नेताओं को क्यों खटकता है संघ ?

शर्मनिर्पेक्ष नेताओं को क्यों खटकता है, रा. स्व. संघ ? सत्यदर्पण:-
भारत सरकार की आतंकी सूची में संघ का नाम नहीं है तब शर्म निर्पेक्ष नेता किसी राजनैतिक आतंक सूची में संघ का नाम डाल रहे हैं। व सूची का आधार क्या है ? 
जब नपुंसक नेता, देश की रक्षा में असमर्थ रहे शत्रुओं से सांठ गांठ करें तब देश व समाज का सहारा रा. स्व. संघ ही है। संघ व देश के सैनिक का शस्त्र व प्रशिक्षण, देश की रक्षा के लिए ही होता है। सैनिक के हाथ तुम बांध लेते हो; संघ तुम्हारे आधीन नहीं है। जो तुम्हारी मनमानी स्वीकार न करे, वह खटकना स्वाभाविक ही है। 
Photo: "कांग्रेस के शांतिप्रचारक जेहादी दामादो की सूची"
लेकिन इस लिस्ट मे संघ का नाम नहीं है !!!!!!

http://www.mha.nic.in/uniquepage.asp?Id_Pk=292
भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | छद्म वेश में फिर आया रावण | संस्कृति में ही हमारे प्राण है | भारतीय संस्कृति की रक्षा हमारा दायित्व || -तिलक

शनिवार, 12 जनवरी 2013

दुष्ट मीडिया, हम, वर्तमान दुर्दशा व मुख्य कारण

दुष्ट मीडिया, हम, वर्तमान दुर्दशा व मुख्य कारण
डा. भागवत के वक्तव्यों को ठीक तरह से पेश करें मीडिया : मनमोहन वैद्य
The main cause of the current plight of the nation, not only Failure to save Religion, Culture and Lifestyle from being polluted by Mekalewadi elements. Failure to stop derogation of defenders of the religion -culture, and support of the Elements by wicked media. And to participate themselves. This is apparent in the evidence case. 
आज राष्ट्र की वर्तमान दुर्दशा का मुख्य कारण है, न केवल मेकालेवादी प्रदूषित तत्वों से धर्म, संस्कृति व जीवनशैली बचाने में असफलता। साथ ही दुष्ट मीडिया से ऐसे तत्वों का समर्थन व धर्म- संस्कृति के रक्षकों की अवमानना को रोकने में भी असफलता। तथा स्वयं भागीदार बनना। यह इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है।
BY the prompt action of Sangh Adhikaris and Prachar Vibhag and VSKs, many media houses did a mid-course correction. TIMES NOW published the actual video of the relevant part.
Sagarika Ghosh twitted and accepted the correction. Please see the attached image.
संघ अधिकारियों और प्रचार विभाग और विसंके VSKs की त्वरित कार्रवाई के कारण, कई मीडिया घरानों ने एक मध्यावधि सुधार किया है| TIMES NOW के अनुसार, प्रासंगिक भाग के वास्तविक वीडियो प्रकाशित|
और सागरिका घोष ने ट्वीट करके कहा, "सुधार स्वीकार किए जाते हैं|" कृपया संलग्न छवि देखें |

$img_title






विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया |
 इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है; - तिलक

भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | छद्म वेश में फिर आया रावण | संस्कृति में ही हमारे प्राण है | भारतीय संस्कृति की रक्षा हमारा दायित्व || -तिलक

शुक्रवार, 4 जनवरी 2013

YDMS मीडिया समूह के दो नए ब्लाग

YDMS मीडिया समूह के दो नए ब्लाग YDMS added two new blogs via Email: 
BharatVarshasya@gmail.com, as :-
http://bharatvarshasyaitihas.blogspot.in/
http://bharatasyasharmnirpekshvyavastha.blogspot.in/
भारतवर्षस्य इतिहास दर्पण:- केवल जयचंदो के अपवाद को छोड़कर भारतवर्ष का इतिहास सदा गौरवमय रहा है। जीवन के हर क्षेत्र के अग्रणी जब भी हारे मक्कारी या गद्दारी से हारे। तथा शर्मनिरपेक्षों ने भी उस पर अपना रंग चदाया है। 
भारतस्य शर्मनिरपेक्ष व्यवस्था दर्पण:- सामान्यत: कृत्य के प्रति पछतावा न हो, इसे बेशर्मी कहते हैं। बेशर्मी की सीमा बड़ कर राष्ट्रद्रोह तक आ जाये व यह धर्मनिरपेक्षता के नाम से किया जाये, वह शर्मनिरपेक्षता कहाता है। वर्तमान सरकार, सारा तंत्र व मीडिया इसके प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। इस शर्मनिरपेक्षता का दर्पण व इसका एक ही उपाय है, राष्ट्रवाद का जागरण। संपर्क सूत्र : BharatVarshasya@gmail.com, 9911111611.

Baratwarshasya History Mirror: - With the exception of only Jay Chands, Glorious history of India is eternally proud. While also leading in Every area of life, whenever the losers, lost to deceive or betray. And Sharmnirpekshta also added its color on it. repentlessness
Baratasya Sharmnirpeksh System Mirror- Do not regret to an act of wrongs, usually called a shameless. If you come by expanding the range of shamelessness to treason and it should be in the name of secularism, it is Named Sharmnirpekshta. Corrupt Combined trio-The current government, the whole system and the media are also visible Examples of it. The only wayout is this Sharmnirpekshta mirror and the awakening of nationalism. Contact: BharatVarshasya@gmail.com, 9911111611.
भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | छद्म वेश में फिर आया रावण | संस्कृति में ही हमारे प्राण है | भारतीय संस्कृति की रक्षा हमारा दायित्व || -तिलक

शनिवार, 29 दिसंबर 2012

गीत "संकल्प 2013"

गीत "संकल्प 2013" 

वन्देमातरम, 
भारत माता के पीड़ित वंशजो। जिस अंग्रेजियत ने हमें यह हैप्पी न्यू इयर दिया, उसीके न्यू इयर के अवसर पर, उसीके कारण आज यह देश इस मोड़ पर खड़ा है। कथित आज़ादी के बाद शीर्ष तक जाने के मार्ग भटकने में भूल गए, पहाड़ पर फिसलने का परिणाम। पहाड़ अब फिर से चढ़ेंगे, इस राष्ट्र की डगर पे, किन्तु जरा संभलके। इस पर मंथन, विचार व उपचार, एक नए गीत संकल्प 2013 के माध्यम से देने का प्रयास कर रहा हूँ। चिकित्सीय जाँच के लिए विचार व संकल्प 2013 में मिलेगा उपचार। "मेरा भारत महान" इसे उपहास का विषय बना कर रोके गए, सत्य को जन जन तक पहुंचाएं। कृ.यथासंभव: हमारा भावात्मक मिलान, गीत के सुर मिलान में दर्शायें, व दोहराएंगे।
गीत "संकल्प 2013" 
*ये मेरा प्यारा देश महान, जिसका यश गाता था जहान।
क्यों? उसके ये दुरदिन आये, के सारा देश हुआ परेशान।  
एक कदम फिसले न संभालता, चाहे कितना रहे पहलवान। 
मेरा भारत, सदा रहा है महानये मेरा प्यारा देश महान,...
*ऋषि मुनि, महापुरुषों व क्रान्तिकारियों का कर्मक्षेत्र यह।
आतंक भ्रष्टाचार अनाचार और दुराचार का शासन बना ?
दवा लगानी है जो घाव पर, कर जाँच कारण को पहचान। 
मेरा भारत, सदा रहा है महानये मेरा प्यारा देश महान,...
*जब राजा ही करे व्याभिचार, तो जनता हो जाती लाचार।
पहला बन्दर सोया रहता है,  दूजा तेरे दर्द नहीं सुनता है।
मौन रहे पर सत्य  कहता, आश्वासन है पाखंड ये जान।  
मेरा भारत, सदा रहा है महानये मेरा प्यारा देश महान,...
*चोर को थानेदार बनाया, फिर चोरी करने को उकसाया।
अपनों को धक्का देके भगाया, पहले इस गलती को मान।
संकल्प 2013 लेकर तूँ आजा, महाभारत के इस मैदान। 
मेरा भारत, सदा रहा है महानये मेरा प्यारा देश महान,..
*इन सब को पहचान लिया तो अब टिकने न देंगे भारत में।
मायावी मृग को  हरने देंगे हम अब कोई सीता भारत में।
65 वर्षों हमें छला गया, अब और छलने न देंगे भारत में। 
मेरा भारत, सदा रहा है महानये मेरा प्यारा देश महान,...
*आओ फिरसे बनाये देश महान, जिसका यश गाये सारा जहान।
हम सोने की चिड़िया ऐसी बनायें, जहाँ कोई न हो परेशान। 
आने वाला कल चमकाने में, हम आज कर जायेंगे बलिदान। 
मेरा भारत, सदा रहा है महानये मेरा प्यारा देश महान,...
*ये मेरा प्यारा देश महान, जिसका यश गाता था जहान।
क्यों? उसके ये दुरदिन आये, के सारा देश हुआ परेशान।  
एक कदम फिसले न संभालता, चाहे कितना रहे पहलवान। 
मेरा भारत, सदा रहा है महानये मेरा प्यारा देश महान,...
आइयें, इस के लिये संकल्प लें: भ्रम के जाल को तोड़, अज्ञान के अंधकार को मिटा कर, ज्ञान का प्रकाश फेलाएं। आइये, शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।। 
पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है -इस देश को लुटने से बचाने तथा बिकाऊ मेकालेवादी, मीडिया का एक मात्र सार्थक, व्यापक, विकल्प -राष्ट्र वादी मीडिया |अँधेरे के साम्राज्य से बाहर का एक मार्ग...remain connected to -युगदर्पण मीडिया समूह YDMS. तिलक रेलन 9911111611 ... yugdarpan.com
"अंधेरों के जंगल में, दिया मैंने जलाया है | इक दिया, तुम भी जलादो; अँधेरे मिट ही जायेंगे ||" युगदर्पण
भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | छद्म वेश में फिर आया रावण | संस्कृति में ही हमारे प्राण है | भारतीय संस्कृति की रक्षा हमारा दायित्व || -तिलक

शनिवार, 22 दिसंबर 2012

गीता जयन्ती 23 से 25 /12/12

xhrk t;arh ds miYk{k esa 23 ls 25 fnl 
 lukru/keZ izfrfuf/k lHkk fnYyh ds v/;{k egkeMys’oj Lokeh jk?kokuan th us izSlokrkZ esa crk;k fd vkxkeh 23]24 o 25 fnlEcj 2012 dks izfrfuf/k lHkk ds }kjk xhrk t;arh ds miYk{k esa Jh xq# jkejk; mnklhu vkJe] vkjkeckx] igkM+xat esa fofHkUu lekftd o /kkfeZd dk;ZØeks dk vk;kstu fd;k tk jgk gSA 
Jh xq# jkejk; mnklhu vkJe ds izeq[k o fnYyh lar egkeaMy ds v/;{k Lokeh jk?kokuan th egkjkt us crk;k fd vU; dk;ZØekas ds vfrfjDr 23 fnlEcj dks jk?ko loZ lsok lfefr ,oa Lons’kh tkxj.k eap pkSiky laLFkk ds ek/;e ls fnYyh dh अभावग्रस्त ifjokj dh 200 m|e’khy efgykvksa dks 10]000 #i;s izfr efgyk स्वावलम्बन _.k Lo#i fn;k tk;sxkA 24 fnlEcj dks fnYyh gkVZ ,aM yaXl bUlVhV;wV }kjk LokLF; tkap f’kfoj yxk;k tk;sxkA bleas QsQM+k] gn~;] Mk;kfcVht] CyM izs’kj] vka[kksa dh tkap o foDykax lgk;rk f’kfoj Hkh vk;ksftr fd;s tk;saxsA जहाँ साधनहीन cU/kq fu%’kqYd LokLF; tkap djok ldsaA 25 fnlEcj dks vHkkoxzLr ifjokjksa dh dU;kvksa dk lkewfgd fookg lEiUu gksxkA igले 3300 efgykvksa dks _.k fn;k x;k Fkk] एक वर्ष की सीमा में चqका कर बता fn;k] वे अभावग्रस्त fdrq स्वाभीमानी हैं।
izfrfuf/k lHkk fnYyh ds egkea=h Jh Hkw"k.k yky ikjk’kj us crk;k fd xhrk t;arh ds miy{k esa fnYyh ds 1500 ls vf/kd fo/kkfFkZ;ksa us fnYyh esa 20 LFkkuksa ij vk;ksftr xhrk Kku izfr;ksfxrkvksa esa izfrHkkxh cudj vkxkeh ih<+h ds fy, lqlaLdkj dk ekxZ iz’kLr fd;k gSA mijksDr lHkh dk;ZØeksa esa fnYyh ds lHkh eafnjksa dh izcU/k lfefr;ksa dks vkeaf=r fd;k x;k gSA
izfrfuf/k lHkk ds laxBu ea=h o ehfM;k izHkkjh Jh vfuy dqekj feÙky ds vuqlkj bl egksRlo dk mn~?kkVu Hkktik ds iwoZ jk"Vªh; v/;{k MkW- eqjyh euksgj tks’kh vkSj dsUnzh; ea=h Jh vt; ekdu djsaxsA Jh vfuy dqekj feÙky us crk;k fd la;ksx ls 23 fnl dks Lokeh jk?kokuUn th dk 77ok tUefnol Hkh gSA
dk;ZØe ds la;kstd Jh c`teksgu lsBh us crk;k fd iwT; ;ksx xq# ckck jkenso th egkjkt] iwT; Jh jkekaunkpk;Z] txn~xq# Lokeh galnsokpk;Z th egkjkt] egke.Mys’oj Lokeh Kkukuan th egkjkt] iwT; Jh egUr uoyfd’kksj nkl th egkjkt] Jh bUnzs’k dqekj] egke.Mys’oj lUr nsoh lafonkuUn th bu lHkh dk ekxZ n’kZu] vk’khokZn o n’kZuykHk Hkh fnYyh ds /keZizseh cU/kqvksa dks feyus dk lqvolj gSA गीता जयन्ती 23 से 25 /12/12
vkt fnukad 23 fanlEcj 2012 ds dk;Zdze  
कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका; विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये | - तिलक
भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | छद्म वेश में फिर आया रावण | संस्कृति में ही हमारे प्राण है | भारतीय संस्कृति की रक्षा हमारा दायित्व || -तिलक

सोमवार, 3 सितंबर 2012

गुजरात दंगे का सच ??

गुजरात दंगे का सच ?? क्या आप सचमुच जानते हैं कि.....? **

                                                    Godhara 2002
क्यों, आज जहाँ देखो वहाँ, गुजरात के दंगो के बारे में ही सुनने और देखने को मिलता है?...फिर चाहे वो गूगल हो या फेसबुक हो या फिर टीवी..समाचार पत्र, पत्रिका.!
क्यों? आए दिन, गुजरात की सरकार को कटघरे में खड़ा किया जाता है। नित नए-नए खुलासे हो रहे हैं...वास्तव में,10 -12 वर्ष पूर्व, मोदी के हाथ सत्ता आने से पूर्व तक, जब कोई भी समाज की नहीं सोचता था भूकंप पीड़ित कच्छ, विद्युत अव्यवस्था, बिखरा तंत्र, ऊपर से दंगे, दयनीय गुजरात को कौन संभाले? किसी को ये आशा नहीं थी कि इतना कुशल प्रशासक है, ये 'नरेन्द्र भाई मोदी'। मोदी ने सम्भाल ही नहीं, चमका भी दिया। शर्म निरपेक्ष लुटेरों, उनके पालतू मीडिया, छद्म रूप में छुपे मानवाधिकार (धिक्कारवादी), बुद्धिभोग के रोगी, भ्रष्ट नोकरशाह, आदि की पूरी शर्मनिर्पेश मंडली....और भारत को लूटने वाले, हर व्यक्ति की ईर्ष्या व राह का कांटा बन गया  ...जिस कारण पूरी शर्मनिर्पेश मंडली, एक स्वर में गुजरात दंगो की ही भर्त्सना करते हैं जी-जान से इस काम में जुटे हैं कि राह से ये निकल कांटा जाये किन्तु दंगे गुजरात के बाहर भी हुए, अब भी होते हैं मथुरा, इसका ताज़ा उदाहरण है असम या मुंबई में, किसकी सरकार है ? उनके विरुद्ध मोदी के गुजरात जैसा, छाती पीटना क्यों नहीं हैं ? केवल हम ही नहीं, इस देश में मुस्लिम भी बहुत से हैं, एपीजे अ कलाम  की भांति, भारतीय बन कर सोचते हैं...शायद इसीलिए, मोदी हम हिन्दुओं के ही नहीं, भारत का विकास चाहने वाले, हर व्यक्ति के चहेते हैं   हालाँकि, दंगो पर राजनीती नहीं होनी चाहिए, फिर भी जिसे देखो, 10 वर्ष से गुजरात के दंगों पर तो छाती पीटने लगता है किन्तु उसे मथुरा असम या मुंबई के दंगो या कश्मीर के हिन्दुओं का दर्द क्यों नहीं दीखता ? खून का रंग एक बताने वालों को, दंगो के दर्द का रंग, क्यों एक नहीं लगता ? आतंक का कोई धर्म नहीं, कहने वाले, कैसे हिन्दू आतंकवाद कह पाते है? इस दोगलेपन को समझना होगा, इसके निहितार्थ का अर्थ जानना होगा? तभी समस्याओं का समाधान करने में सफल हो सकते हैं, हम लोग...
क्या आप, इन तथ्यों को जानते हैं? :-
1) 27 फरवरी 2002 को साबरमती ट्रेन के S6 बोगी को गोधरा रेलवे स्टेशन से करीब 826 मीटर की दूरी पर जला दिया गया था....जिसमें 57 मासूम, निहत्थे और निर्दोष हिन्दू कारसेवकों की मौत हो गयी थी।
2) प्रथम द्रष्टा रहे, वहाँ के 14 पुलिस के जवान, जो उस समय स्टेशन पर उपस्थित थे और उनमें से 3 पुलिस वाले घटना स्थल पर पहुंचे और साथ ही पहुंचे, अग्निशमन दल के एक जवान, सुरेशगिरी गोसाई जी....! यदि, हम इन चारों लोगों की मानें, तो "निगम पार्षद हाजी बिलाल" भीड़ को आदेश दे रहे थे,.... ट्रेन के इंजन को जलाने का......! साथ ही साथ,....जब ये जवान, आग बुझाने का प्रयास कर रहे थे,..... तब भीड़ के द्वारा ट्रेन पर पत्थरबाजी चालू कर दी गई।
3) अब, इसके आगे बढ़ कर देखें, तो.... जब गोधरा पुलिस स्टेशन की टुकड़ी पहुंची, तब 2 लोग 10,000 की भीड़ को उकसा रहे थे
.... ये थे निगम अध्यक्ष मोहम्मद कलोटा और निगम पार्षद हाजी बिलाल। अब प्रश्न उठता है कि..... मोहम्मद कलोटा और हाजी बिलाल को, किसने उकसाया और ये ट्रेन को जलाने क्यों गए ?? प्रश्नों के बाण, यही नहीं रुकते हैं..... बल्कि प्रश्नों की सूची अभी काफी लम्बी है। अब प्रश्न उठता है कि .... क्यों मारा गया, ऐसे राम भक्तो को ??
4) कुछ मीडिया ने बताया कि ये मुसलमानों को उकसाने वाले नारे लगा रहे थे
….अब क्या कोई, बताएगा कि ..... "क्या भगवान राम के भजन मुसलमानों को उकसाने वाले लगते हैं ??" किन्तु, इसके पहले भी एक हादसा हुआ, 27 फ़रवरी 2002 को सुबह 7.43 मिनट 4 घंटे की देरी से, जैसे ही साबरमती ट्रेन चली और प्लेटफ़ॉर्म छोड़ा, तो... प्लेटफ़ॉर्म से100 मीटर की दूरी पर ही, 1000 लोगो की भीड़ ने, ट्रेन पर पत्थर चलाने चालू कर दिए।  पर, यहाँ रेलवे की पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर कर दिया और ट्रेन को आगे के लिए रवाना कर दिया.....! किन्तु, जैसे ही ट्रेन कठिनाई से 800 मीटर चली,...... अलग-अलग बोगियों से, कई बार चेन खींची गई।
5) शेष कहानी, जिस पर बीती, उसकी जुबानी
......... . उस समय मुश्किल से 15-16 की बच्ची की जुबानी ::
ये बच्ची थी, कक्षा 11 में पढने वाली गायत्री पंचाल, जो कि उस समय अपने परिवार के साथ अयोध्या से लौट रही थी
.... उसकी मानें, तो... ट्रेन में राम धुन चल रहा था और ट्रेन जैसे ही गोधरा से आगे बढ़ी;.....एक दम से चेन खींचकर रोक दिया गयाउसके बाद देखने में आया कि... एक भीड़ हथियारों से लैस हो कर ट्रेन की तरफ बढ़ रही है..... हथियार भी कैसे?....... लाठी- डंडा नहीं, बल्कि.... तलवार, गुप्ती, भाले, पेट्रोल बम्ब, एसिड बम और पता नहीं क्या -क्या.........
6) भीड़ को देख कर, ट्रेन में सवार यात्रियों ने खिड़की और दरवाजे बंद कर लिए
....... पर भीड़ में से जो अन्दर घुस आए थे,...वो कार सेवको को मार रहे थे और उनके सामानों को लूट रहे थे और साथ ही बाहर खड़ी भीड़, मारो -काटो के नारे लगा रही थी। एक लाउड स्पीकर, जो कि पास के मस्जिद पर था,.......उससे बार बार ये आदेश दिया जा रहा था, कि ..... “मारो... काटो.. लादेन ना दुश्मनों ने मारो” !
इसके साथ ही
बाहर खड़ी भीड़ ने, पेट्रोल डाल कर आग लगाना चालू कर दिया... जिससे कोई जिन्दा ना बचे....ट्रेन की बोगी में चारों तरफ पेट्रोल भरा हुआ था!.... दरवाजे बाहर से बंद कर दिए गए थे, ताकि कोई बाहर ना निकल सके!... एस-6 और एस-7 के वैक्यूम पाइप काट दिए गए थे, ताकि ट्रेन आगे बढ़ ही नहीं सके!.... जो लोग जलती ट्रेन से किसी प्रकार बाहर निकल भी गए, तो.... उन्हें तेज हथियारों से काट दिया गया .... कुछ गहरे घाव के कारण से, वहीँ मर गए और कुछ बुरी तरह घायल हो गए।
7) क्यों जनता से छुपाया गया, कि अपर न्यायाधीश पीआर पटेल सत्र ने 31 व्यक्तियों को दोषी दहराया, एक "पूर्व नियोजित षड्यंत्र" आयोजित करने और साबरमती एक्स के S-6 कोच में, आग लगाने का इस घटना में 59 लोग, जिनमें अधिकतर विश्व हिंदू परिषद कार सेवक, मारे गए थे अदालत ने 11 दोषियों को मृतुदंड, अन्य 20 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी जिन्होंने, विशेष रूप से पिछली रात एक बैठक में षड्यंत्र रचने, वास्तव में कोच में प्रवेश पेट्रोल डालकर आग लगाने का काम किया
न्यायाधीश ने 826 पृष्ठ के अपने फैसले में, "1965 और 1992 के बीच गोधरा में सांप्रदायिक हिंसा की कुछ (10) घटनाओं को उद्धृत किया", और कहा कि कई दंगों के दौरान "हिंदुओं को जिंदा जला दिया और उनके दुकानों और घरों को आग से नष्ट किया गया था"न्यायाधीश केजी शाह, सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति जी.टी. नानावटी द्वारा प्रस्तुत, 2008 की रिपोर्ट में भी कहा गया, कि षड़यंत्र का कथित पुरोधा, रज्जाक कुरकुर, के अमन गेस्ट हाउस में, साबरमती के आने से पूर्व ही, इतनी मात्र में पेट्रोल व ज्वलन पदार्थ एकत्र करना; एक पूर्व नियोजित षड्यंत्र पुष्टि करता है कथित मास्टरमाइंड प्रभावशाली मौलवी, मौलवी हुसैन हाजी इब्राहिम उमरजी और एक कें. रि. पुलिस बल का नानुमियां नामक अधिकारी, (असम निवासी) जो इसी गेस्ट हाउस में ठहरता था, ने मुसलमानों की भीड़ को उकसाया थाइसके अतिरिक्त, घटना से पहले, एक पखवाड़े के लिए एक ही डाक बंगले में रहे, दो कश्मीरियों गुलाम नबी और अली मोहम्मद, ने इन्हें कश्मीर मुक्ति आंदोलन के बारे में बोले थे [3]. सबसे प्रमुख बात, जमीअत उलेमा हिंद ने, 2002 में दावा किया है, कि कुछ क्षेत्रीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हिंसा के अपराधियों के साथ सहयोग किया. (अनुवादित विवरण).
अब प्रश्न उठता है, कि....
दंगा (पूर्वनियोजित) हिन्दुओं ने, सुबह 8 बजे ही क्यों नहीं शुरू कर किया ? बल्कि हिन्दू उस दिन दोपहर तक शांत बना रहा (ये बात आज तक किसी को नहीं दिखी है) ??
वास्तव में,..... हिन्दुओं ने, जवाब देना तब चालू किया, जब उनके घरों, गावों, मोहल्लो में, वो जली और कटी फटी लाशें पहुंची
......क्या, ये लाशें, हिन्दुओं को मुसलमानों की ओर से उपहार थी ? जो हिन्दुओं को शांत बैठना चाहिए था,.....सेकुलर बन कर ?
हिन्दू सड़क पर उतरे, 27 फ़रवरी 2002 की दोपहर से,....पूरे एक दिन, हिन्दू शांति से घरो में बैठे रहे....!
यदि, वो दंगा पूर्व नियोजित था और हिन्दुओं ने या मोदी ने करना था, तो 27 फ़रवरी 2002 की प्रात: 8 बजे से ही क्यों नहीं, चालू हुआ....?? प्रतिक्रिया स्वरूप

जबकि मोदी ने, 28 फ़रवरी 2002 की शाम को ही सेना को सडकों पर लाने का आदेश दे दिया, जो कि अगले ही दिन 1 मार्च 2002 को पूरा हो गया और सडको पर सेना उतर आयी ..... गुजरात को जलने से बचाने के लिए....!
पर, भीड़ के आगे सेना भी कम पड़ रही थी, तो 1 मार्च 2002 को ही मोदी ने, अपने पडोसी राज्यों से, सुरक्षा कर्मियों की मांग कर दी...
ये पडोसी राज्य थे, महाराष्ट्र (कांग्रेस शासित- विलासराव देशमुख -मुख्यमंत्री), मध्य प्रदेश (कांग्रेस शासित- दिग्विजय सिंह - मुख्यमंत्री), राजस्थान (कांग्रेस शासित- अशोक गहलोत- मुख्यमंत्री) और पंजाब (कांग्रेस शासित- अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री) ...
क्या कभी, किसी ने भी,.....इन माननीय मुख्यमंत्रियों से एक बार भी पूछा है, कि........आपने गुजरात में सुरक्षाकर्मी क्यों नहीं भेजे, जबकि गुजरात ने आपसे सहायता मांगी थी ?? या....इन प्रदेशो के मुख्यमंत्रियों का, गुजरात को सुरक्षा कर्मियों का ना भेजना ?? ये एक सोची समझी, गूढ़ राजनीतिक चाल और विद्वेष का परिचायक था?
उसी 1 मार्च 2002 को, हमारे राष्ट्रीय मानवाधिकार (National Human Rights) वालो ने, मोदी को अल्टीमेटम दिया, 3 दिन में पूरे घटनाक्रम का रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए ...
किन्तु,... कितने आश्चर्य की बात है कि... यही राष्ट्रीय मानवाधिकार वाले, 27 फ़रवरी 2002 और 28 फ़रवरी 2002 को गायब रहे ..... इन मानवाधिकार वालो ने तो, पहले दिन के ट्रेन के फूंके जाने पर, ये रिपोर्ट भी नहीं माँगा, कि क्या कदम उठाया गया, गुजरात सरकार के द्वारा? आश्चर्य,...!
एक ऐसे ही, सबसे बड़े घटनाक्रम में दिखाए गए या कहे तो, बेचे गए........ “गुलबर्ग सोसाइटी” के जलने,की वीडियो,......इस गुलबर्ग सोसाइटी ने, पूरे मीडिया का ध्यान अपने तरफ खींच लिया। यहाँ, एक पूर्व सांसद एहसान जाफरी साहब रहते थे। इन महाशय का, ना तो एक भी बयान था, 27 फरवरी 2002 को और ना ही ये डरे थे, उस समय तक.......!
किन्तु,...... जब 28 फरवरी 2002 की प्रात:, जब कुछ लोगो ने इनके घर को घेरा,
तथा जिसमें कुछ कथित मुसलमान भी छुपे हुए थे;..... तो एहसान जाफरी जी ने भीड़ पर गोली चलवा दिया अपने लोगो से, जिसमें 2 हिन्दू मरे और 13 हिन्दू गंभीर रूप से घायल हो गए।
जब इस घटनाक्रम के बाद, इनके घर पर भीड़ बढ़ने लगी, तो ये अपने यार-दोस्तों को फ़ोन करने लगे और तभी गैस सिलिंडर के फटने से कुल 42 लोगों की मौत हो गयी। यहाँ, शायद भीड़ के आने पर ही, एहसान साहब को पुलिस को फ़ोन करना चाहिए था, ना कि अपने बन्दों के द्वारा गोली चलवाना चाहिए था। पर इन्होने, गोली चलाने के बाद फ़ोन किया, पुलिस महानिदेशक (DGP) को।
यहाँ एक और झूठ सामने आया,.....जब अरुंधती रॉय, जैसी लेखिका तक ने, यहाँ तक लिख दिया, कि ... एहसान जाफरी की बेटी को नंगा करके, बलात्कार के बाद मारा गया और साथ ही एहसान जाफरी को भी
.....किन्तु,... .. यहाँ एहसान जाफरी के बड़े बेटे ने ही, पोल खोल दी, कि .... जिस दिन उसके पिता की जान गई, उस दिन उसकी बहन तो अमेरिका में थी और अभी भी रहती है।
तो यहाँ,.......... कौन, किसको झूठे केस में फंसाना चाह रहा है? ये स्पष्ट है....

अब यहाँ तक, तो सही था,......पर..... ..गोधरा में साबरमती को, कैसे, इस दंगे से अलग किया जाता और हिन्दुओं को इसके लिए आरोपित किया जाता। इसके लिए, लोग गोधरा के दंगे को, ऐसे तो संभाल नहीं सकते थे...अपने शब्दों से,....तो एक कहानी प्रकाश में आई.....!
कहानी थी, कि .... कारसेवक गोधरा स्टेशन पर, चाय पीने उतरे और चाय देने वाला, जो कि एक मुसलमान था, उसको पैसे नहीं दिए
…जबकि गुजराती अपनी ईमानदारी के लिए ही जाने जाते हैं।
चलिए, छोडिये! ये धर्मान्धो की कहानी में कभी दिखेगा ही नहीं,.... आगे बढ़ते हैं।
अब कारसेवकों ने पैसा तो दिया नहीं, बल्कि मुसलमान की दाढ़ी खींच कर, उसको मारने लगे
तभी उस बूढ़े मुसलमान की बेटी, जो की 16 वर्ष की बताई गई, वो आई; तो कारसेवको ने, उसको बोगी में खींच कर, बोगी का दरवाजा, अन्दर से बंद कर लिया। और इसी के प्रतिफल में......मुसलमानों ने ट्रेन में आग लगा दी और 58 लोगो को मार दिया..... जिन्दा जलाकर या काटकर। अब, यदि इस मनगढ़ंत कहानी को, मान भी लें, तो कई प्रश्न उठते हैं:
क्या, उस बूढ़े मुसलमान चायवाले ने, रेलवे पुलिस को सूचित किया ??
रेलवे पुलिस, उस ट्रेन को वहाँ से जाने ही नहीं देती या लड़की को उतार लिया जाता
.....उस बूढ़े चाय वाले ने, 27 फ़रवरी 2002 को, कोई प्राथमिकी, क्यों नहीं दाखिल किया ??
सुबह 8 बजे, सैकड़ो लीटर पेट्रोल, आखिर आया कहाँ से??
5 मिनट में ही, सैकड़ो लीटर पेट्रोल और इतनी बड़ी भीड़, आखिर जुटी कैसे ?? एक भी केस, 27 फ़रवरी 2002 की तारीख में, मुसलमानों के द्वारा, क्यों नहीं, दाखिल हुआ ??
अब रेलवे पुलिस कि जांच में ये बात सामने आई, कि ...... उस दिन गोधरा स्टेशन पर, कोई ऐसी घटना हुई ही नहीं थी। ना तो चाय वाले के साथ, कोई झगडा हुआ था और ना ही किसी लड़की के साथ, कोई बदतमीजी या अपहरण की घटना हुई.....!
इसके बाद आयी, नानावती रिपोर्ट में कहा गया है, कि.... जमीअत-उलमा-इ-हिद का हाथ था, उन 58 लोगो के जलने में और ट्रेन के जलने में। उससे भी बड़ी बात, कि.....दंगे में 720 मुसलमान मरे, तो 250 हिन्दू भी मरे.....!
मुसलमानों के मरने का सभी शोक मनाते हैं,....चाहे वो सेकुलर हिन्दू हो....चाहे, वो मुसलमान हो या चाहे वो राजनेता या मीडिया हो !
पर दंगे में 250 मरे हुए हिन्दुओं और साबरमती ट्रेन में मरे 58 हिंदुओं को कोई नहीं पूछता है
....कोई, बात तक नहीं करता है। सभी को केवल मरे हुए, मुसलमान ही दिखते हैं...!
एक और बात ध्यान देने योग्य है, क्या, किसी भी मुस्लिम नेता का बयान आया था, साबरमती ट्रेन के जलने पर??
क्या, किसी मुस्लिम नेता ने, साबरमती ट्रेन को चिता बनाने के लिए, खेद प्रकट किया ??
इसीलिए, सच को जानिए......और जो भी गुजरात दंगे की बात करे अथवा नरेन्द्र मोदी के बारे में बोले,....... उसे उसी की भाषा में, जबाब दें....!
गुजरात दंगा,..... मुस्लिमों के द्वारा शुरू किया गया था
.....और हम हिन्दुओं को, उनसे इस बात का जबाब मांगना चाहिए.....और उन्हें दोषी ठहराना चाहिए....!
अथवा... क्या, वे लाशें हिन्दुओं को मुसलमानों की और से उपहार थी, जो हिन्दुओं को शांत बैठना चाहिए था ??
स्रोत: हिन्दू भारत का लेख...2 मई 2012
नोट: इस पोस्ट को इतना शेयर करें, कि..... मुस्लिमों और सेकुलरों
(शर्मनिर्पेश मंडली), की बोलती बंद हो जाए.....तथा ये सच हिन्दुओं के बच्चे-बच्चे तक पहुँच जाये...तभी, हम भारत के शत्रुओं को मुंहतोड़ उत्तर, दे पाएंगे। 
भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो, छद्म वेश में फिर आया रावण! संस्कृति में ही हमारे प्राण है! भारतीय संस्कृति की रक्षा हमारा दायित्व -तिलक