सत्यदर्पण:-

सत्यदर्पण:- कलयुग का झूठ सफ़ेद, सत्य काला क्यों हो गया है ?-गोरे अंग्रेज़ गए काले अंग्रेज़ रह गए। जो उनके राज में न हो सका पूरा, मैकाले के उस अधूरे को 60 वर्ष में पूरा करेंगे उसके साले। विश्व की सर्वश्रेष्ठ उस संस्कृति को नष्ट किया जा रहा है, देश को लूटा जा रहा है। दिन के प्रकाश में सबके सामने आता सफेद झूठ; और अंधकार में लुप्त सच।

भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | मानवतावादी वेश में आया रावण | संस्कृति में ही हमारे प्राण है | भारतीय संस्कृति की रक्षा हमारा दायित्व | -तिलक 7531949051, 09911111611, 9999777358.

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मंगलवार, 26 जून 2012

मई 2006 में मंत्री के गेस्ट हाउस में रुका था 'अबू हमजा'



मई 2006 में मंत्री के गेस्ट हाउस में रुका था 'अबू हमजा'


सुनील मेहरोत्रा नवभारत टाइम्स | Jun 26, 2012, 12.11PM IST

http://navbharattimes.indiatimes.com/abu-jundal-stay-in-ministers-house/articleshow/14393672.cms

के अनुसार । 
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युग दर्पण की मांग है कि भारत सरकार के गृह मंत्री व प्रधान मंत्री को इस पर स्पष्टी करण देना चाहिए, और इस मामले की उच्च स्तरीय जाँच की जानी चाहिए तथा दोषी मंत्री पर राष्ट्र द्रोह के लिए उचित कार्यवाही की जानी चाहिए। 



मुंबई।। 26/11 का प्रमुख आरोपी अबू जिंदाल उर्फ अबू हमजा 2006 में औरंगाबाद में उतारे गए जखीरे वाले केस में भी प्रमुख आरोपी है। उस केस में जो और लोग शामिल थे, उनमें एक फैयाज भी था, जो बाद में तेहरान भाग गया था। फैयाज को छोड़ने अबू जिंदाल मई, 2006 में मुंबई आया था और एक बड़े राजनेता के गेस्ट हाउस में रुका था।
 उस राजनेता का ओहदा बाद में एक मंत्री के रूप में बदल गया। अबू जिंदाल फैयाज को छोड़ने के बाद अपने साथियों के साथ नाशिक गया था। जहां दो गाड़ियों में हथियार व आरडीएक्स रखा गया था। इनमें से एक गाड़ी को तब के एटीएस चीफ के.पी.रघुवंशी व सीनियर इंस्पेक्टर सुनील देशमुख ने बीच रास्ते में पकड़ लिया था, इसलिए दूसरी गाड़ी में बैठा अबू जिंदाल मालेगांव के पास गाड़ी छोड़कर अलग -अलग रास्तों से पहले बांग्लादेश और फिर पाकिस्तान भाग गया था। उस वक्त अबू जिंदाल को जैबीउद्दीन उर्फ जैबी के नाम से जाना जाता था। बांग्लादेश में जो शख्स समद खान उससे मिला था, उसे बाद में एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया। उसने जो इकबालिया बयान एटीएस को दिया था, प्रस्तुत हैं उसके संपादित अंश:
बीड से हुई शुरुआत
मैं जन्म से बीड में रहता हूं। बीड में कागजी मोहल्ला में एक लाइब्रेरी है। वहां पर कुछ साल पहले मेरा दोस्त इमायत मुझे लेकर गया था। वहां उसने मेरी अकील और जाकिर नाम दो लोगों से मुलाकात कराई, जो यह लाइब्रेरी देखते थे। अकील और जाकिर बीड के ही रहने वाले हैं। जब मैं लाइब्रेरी जाता था, उस वक्त कागजी दरवाजा मोहल्ला में रहनेवाले जैबीउद्दीन उर्फ जैबी व फैयाज भी लाइब्रेरी आते थे। उसी बहाने मेरी जैबी और फैयाज से पहचान हुई। संयोग से लाइब्रेरी चलाने को लेकर जाकिर और अकील के बीच झगड़ा हो गया। इस वजह से दोनों ने लाइब्रेरी छोड़ दी। तब लाइब्रेरी का कारोबार जैबी और फैयाज ने हाथ में ले लिया।
सिमी की बैठक

सन 2002 में बीड में एक धार्मिक प्रोग्राम हुआ था। उसमें गांव के सब लोगों को दावत दी गई थी। मैं भी उसमें शरीक होने गया था। उस वक्त अकील ने मेरी पहचान औरंगाबाद के रहने वाले आमिर से करवाई थी। मुझ मालूम हुआ कि वह सिमी संगठन से जुड़ा हुआ है। आमिर ने बीड में सिमी का अधिवेशन किया हुआ था। उस वक्त कागजी दरवाजा मोहल्ला में रहनेवाले फैयाज और अकील भी वहां मौजूद थे। औरंगाबाद में रहनेवाले अकील को मैं कई महीने से जानता हूं और जानता हूं अब्दुल अजीम नामक शख्स को भी। वह मेरा दूर का रिश्तेदार भी था। अजीम उस वक्त बीड में ड्राइवर का काम करता है। मैं जब छठी कक्षा में था, तब बीड में रहनेवाले एजाज से भी मेरी पहचान हो गई। परभणी में रहनेवाले इमरान से मेरी पहचान भी कुछ दिनों पहले हुई थी।
औरंगाबाद में हुई मुलाकात
सन 2005 के आखिर में मैं फैयाज को मिलने आजाद कॉलेज औरंगाबाद गया था। उस वक्त कॉलेज हॉस्टेल में मैं फैयाज से मिला। वह भी सिमी संगटन का सदस्य है। उस वक्त वकार नाम का लड़का भी कमरे में मौजूद था। बाद में मार्च 2006 में मैं फिर फैयाज को मिलने आजाद कॉलेज गया था। तब फैयाज एक दोस्त अफरोज के साथ मोटरसाइकल पर मुझे मिलाने बीड आया था। उस वक्त मैं, आमिर, जैबीउद्दीन, वकार, एजाज, अलीफ और अकील से मिलता था। इमरान ने मुझे परभणी में खुद का मोबाइल नंबर दिया था और मेरे घर का नंबर उसने लिखा था।
अंप्रैल 2006 में जब मैं लाइब्रेरी में गया, उस वक्त अकील मेरे साथ था। थोड़ी देर में लाइब्रेरी में फैयाज आ गया। हमारी बातचीत हो गई। तब फैयाज ने मुझे बताया कि उसका दुबई में जॉब का काम हो गया और वह दुबई जा रहा है।
ईरान का टिकट
8 मई 2006 को मैं कागजी दरवाजा मोहल्ले में अकील की दुकान में मौजूद था। उस वक्त करीब चार बजे फैयाज मोटरसाइकल से वहां आया था। तब फैयाज ने मुझे बताया कि आज रात को वह मुंबई जानेवाला है और मुंबई से दूसरे दिन ईरान जाने वाला है। ऐसा बताकर वह वहां से निकल गया। शाम को सात बजे मेरे मोबाइल पर फैयाज का फोन आया। उसने मुझे बताया कि औरंगाबाद से अलीफ और बीड से आमिर आए हुए हैं और वह दोनों सिटी होटेल के पास रुके हुए हैं। उनको जाकर मिलो और बाद में घर के पास ढाबे पर ले जाओ। मैंने वैसा ही किया। करीब 15- 20 मिनट बाद फैयाज, जैबीउद्दीन, अकील और एजाज वहां पर आए। 5 मिनट बाद अब्दुल अजीज सफेद रंग की टाटा सूमो गाड़ी लेकर आ गया। वहां पर हम सब लोगों ने साजिश रचनी शुरू कर दी। आमिर और जैबी ने हथियार मिलनेवाले हैं, ऐसा सबको बताया। आमिर, जैबीउद्दीन और फैयाज ने टाटा सूमो के पास पास जाकर और बातचीत की और फैयाज, जैबीउद्दीन और अब्दुल अजीज मुंबई जा रहे हैं, ऐसा बताकर वह निकल गए। बाद में आमिर, अलीफ और मैं आमिर की मोटरसाइकिल से वापस आए। मुझे बस स्टैंड पर छोड़कर वे दोनों औरंगाबाद के लिए चले गए।

9 मई, 2006 में मेरा छोटा भाई असद एसटीडी बूथ पर बैठा था। तब साढ़े चार बजे मेरे मोबाइल नंबर पर जैबीउद्दीन का फोन आया कि उसके पीछे लोग लगे हुए हैं। हम लोग मुश्किल में हैं। शाम को सात बजे फिर उसका मोबाइल पर फोन आया और कहा कि बीड छोड़ दो, क्योंकि हमारे संगठन के कई लोग पकड़े गए हैं और उसने फोन काट दिया।
युग दर्पण की मांग है कि भारत सरकार के गृह मंत्री व प्रधान मंत्री को इस पर स्पष्टी करण देना चाहिए, और इस मामले की उच्च स्तरीय जाँच की जानी चाहिए तथा दोषी मंत्री पर राष्ट्र द्रोह के लिए उचित कार्यवाही की जानी चाहिए। 
भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो, छद्म वेश में फिर आया रावण! 
संस्कृति में ही हमारे प्राण है! 
भारतीय संस्कृति की रक्षा हमारा दायित्व - तिलक 
संपादक, युग दर्पण मीडिया समूह, YugDarpan.co.cc , 
वेब www.YugDarpan.com , 

रविवार, 10 जून 2012

पाकिस्तान सरकार - भारत सरकार

1-पाकिस्तान सरकार अपने यंहा आतंकियों को सरक्षण देती है |
1- भारत सरकार उनको अपने यंहा आतंक फ़ैलाने का अवसर देती है |

2-पाकिस्तान सरकार हमारे मछुआरो के साथ भी अपराधियों सा बर्ताव करती है |
2-भारत सरकार उनके आतंकियों को भी अपना दामाद बना कर रखती है |

3-पाकिस्तान सरकार वंहा के अल्पसंख्यको पर अत्याचार करती है |
3-भारत सरकार यंहा के अल्पसंख्यको को अपना
वोटबेंक समझती है |

4-पाकिस्तान सरकार हिन्दुओं को पकिस्तान से
समाप्त करने पर तुली है |
4-भारत सरकार हिन्दुओं को हिन्दुओं के ही भारत से
समाप्त करने पर तुली है |

5-
पाकिस्तानी सरकार मैच फिक्सिंग के आरोपियों को सज़ा देती है |
5-भारत सरकार मैच फिक्सिंग के आरोपियों को पार्टी का टिकट देती है |

6-पाकिस्तान सरकार अपने धर्म गुरुओं
का आदर करती है |
6-भारत सरकार अपने धर्म गुरुओं को रात को 1:30 बजे कुचल देती है |

7-पाकिस्तान सरकार 1% हिन्दू अल्पसंख्यको के लिए और
कठोर कानून ला रही है |
7-भारत सरकार 26.23 % मुस्लिम अल्पसंख्यको के लिए आरक्षण ला रही है |

8-पकिस्तान सरकार अलगाववादियों के
माध्यम भारत विरोधी मुहीम चला रही है |
8-भारत सरकार उन्ही पकिस्तानपरस्त अलगाववादियों को गले लगा रही है |

9-पाकिस्तान सरकार पर सेना का पूरा पूरा प्रभाव है |
9-भारत सरकार सेना को कठपुतली की तरह नचा रही है |

10-पाकिस्तान सरकार केवल इस्लामीयत के लिए काम कर रही है |
10-भारत सरकार पोप और वैटिकन सिटी के लिए काम कर रही है ||

आकलन आगे भी उपलब्ध रहेगा ||
आकलन स्वयं विवेक से ... 2014 में कांग्रेस का सफाया ही भारत को बचा सकता है || 
जय जय सियाराम , जय जय माँ भारती ||
____________________________ जीत शर्मा " मानव "
भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो,छद्म वेश में फिर आया रावण! संस्कृति में ही हमारे प्राण है! भारतीय संस्कृति की रक्षा हमारा दायित्व -तिलक

शनिवार, 9 जून 2012

शर्मनिरपेक्ष चोर -मचाते शोर

शर्मनिरपेक्ष चोर -मचाते शोर

  डिस्क्लेमर :- ये फोटो केवल इसलिए पोस्ट की जा रही है क्योकि आज आईबीएन-7 पर एंकर साक्षी जोशी कापड़ी द्वारा चिल्ला चिल्लाकर भाजपा और मोदी से 5 प्रश्न पूछे जा रहे थे ..
हर बार ये कहती की क्या मोदी और
भाजपा इन सवालों का जबाब देंगे ?
* मित्रों, ये नीच
बिकाऊ मीडिया वाले आखिर अपने आपको क्या समझते है ? ये जब कामलीला और पाप लीला करे तो ये कहते है कि ये हमारा निजी मामला है ..
* तो क्या बीजेपी का मामला निजी नही है ? क्या किसी पार्टी अध्यक्ष को ये अधिकार नही होता कि वो किसी का  निष्काशन, प्रोमोशन, ट्रांस्फर, या सस्पेंसन कर सकता है ?
* क्या आपने इसके पहले किसी भी पार्टी ने आतंरिक मसले को इस तरह से जोर शोर से उछालते देखा है ?
* मित्रों, ये एंकर साक्षी जोशी जब इंडिया टीवी मे थी तब इंडिया टीवी के मुख्य सम्पादक विनोद कापड़ी जो पहले से ही विवाहित और दो बच्चो का बाप था, उसके साथ ही सारी मर्यादाये भूलकर चालू हो गयी |
* एक दिन ये दोनों सहारनपुर के एक गेस्ट हाउस मे मजे कर रहे थे, तभी इनके साथी कैमरामैन ने इनके कई चित्र ले लिए.. और उसने सार्वजनिक भी कर दिये .. खूब बवाल मचा .. साक्षी जोशी का पिता उमाशकर जोशी भी बड़ा पत्रकार था, उसने दबाव बनाया और विनोद कापड़ी को अपनी पत्नी को तलाक देकर साक्षी जोशी से शादी करनी पड़ी |
* ये अपने कुकर्मो को अपना निजी मामला बताने वाले .. और दुसरो के जीवन मे ये किस मुंह से ताकझाक या टीका टिप्पणी करते है ?
* प्रत्रकारिता के मुंह पर एक तमाचा समान बरखा दत्त जिसे पूरे विश्व ने दलाली खाते उसकी असली आवाज मे सुना ... कितनी बेशर्मी से वो नीरा राडिया से कह रही थी कि राजा और कनिमोझी की सेटिंग करवा दो ... बरखा दत्त नीरा राडिया से कह रही थी कि मेरा कमीशन कितना होगा ?
* किन्तु वो बेशर्म बरखा दत्त आज भी एनडीटीवी पर दलाली करती है और मुझे लगता है कि बेशर्म बरखा दत्त नही बल्कि मै स्वयं हूँ जो इसको एक राष्ट्रिय चैनेल पर आते चुपचाप देख रहा हूँ |
* क्या ये एनडीटीवी इसका हिसाब देगा ?
* प्रभु चावला आज भी बेशर्मी से आईबीएन पर आता है . उसने भी नीरा राडिया से कमीशन की बात की जिसे पूरे विश्व ने देखा . उसका लड़का एक समय मे दिल्ली का सबसे बड़ा दलाल था और उसके उपर कई केस दर्ज हुए |
* मित्रों, इन नीचों और बेशर्मो की सूची बहुत बड़ी है , किन्तु जब ये दूसरों से जबाब मांगते है तो क्या इनकी आत्मा इनको कचोटती नही होगी ? क्या ये स्वयं अपने मन मे ये नही सोचते होंगे कि विश्व के सबसे बड़े पापी, कामी. ऐयाश, दलाल, नीच, लालची तो हम ही है; फिर हम किस मुंह से दूसरों से हिसाब या जबाब मांगते फिर रहे है ?
भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो,छद्म वेश में फिर आया रावण! संस्कृति में ही हमारे प्राण है! भारतीय संस्कृति की रक्षा हमारा दायित्व -तिलक